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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर सर्व कामार्थसाधनि! ओं अनलपिङ्गलोर्ध्वकेशिनि! महाधिव्याधिपतये स्वाहा। विधि- इस मन्त्र को भोजपत्र पर केशर से लिखकर प्रचण्ड अग्नि में डालने से तज्जन्य उपद्रव शांत होता है। १२. ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो अणलभय वजयाणं दसपुव्वीणं । मंत्र-ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं ह्र: अ सि आ उ सा वांछितं में कुरु २ स्वाहा विधि- सवालाख जप से वांछित कार्यों की सिद्धि होती है। १३. ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो रिक्खभयवज्जयाणं चउदसपुव्वीणं। मंत्र-ॐ ह्रों अ सि आ उ सा सर्व दुष्टान् स्तम्भय २ अंधय २ मोहय २ मूकय २ कुरु २ ह्रीं दुष्टान् ठः ठः ठः स्वाहा। विधि- पूर्वाभिमुख होकर ८ या २१ दिन तक मुट्ठी बाँधकर ११०० जप से सब दुष्ट क्रूर व्यन्तरों से मुक्ति प्राप्त होती है। १४. ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो भंसणभय झवणाण अटंग महाणिमित्तकुसलाणं। मंत्र-ॐ नमो मेरु महामेरु, ॐ नमो गौरी महागौरी ॐ नमो काली महाकाली ॐ (नमो) इंदे महाइंदे, ॐ (नमो) जये महाजये (ॐ नमों विजये महाविजये) ॐ णमो पण्णसमिणि महापण्णसमिणि अवतर २ देवि अवतर (अवतर स्वाहा।) विधि- ८००० जप से सिद्ध करें । फिर शीशा मंत्रित कर सफेद वस्त्र पर रक्खें। फिर उसके सामने सफेद वस्त्रों में कुँवारी कन्या को बिठावें। पश्चात् उससे जो पूछोगे ठीक उत्तर देगी। १५. ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो अक्खरधणप्पयाण विउव्वगपत्ताणं। मंत्र-ॐ ह्रीं नमो लोए सव्वसाहुणं, ओं ह्रीं नमो उवज्झायाणं, ॐ ह्रीं नमो आयरियाणं, ॐहीं नमो सिद्धाणं, ओं ह्रीं नमो अरिहंताणं एकाहिक द्वयहिक चातुर्थिक महाज्वर क्रोध ज्वर शोकज्वर भयज्वर कामज्वर कलितरव महावीरान् बंधबंध ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा। विधि- मंत्र पढते हुए नूतन श्वेत वस्त्र में गाँठ बांधे तथा गूगल और घी की धूनी देवे। मंत्रित गांठ को सिर के निचे दबाकर वह वस्त्र ओढ़ने से सब ज्वर शांत होते हैं और सुख की नींद आती है। १६. ऋद्धि- ॐ ह्रीं अहँ णमो गहणवण भय णासयाण विजाहराणं। मंत्र-ॐ ह्रीं णमो अरिहंताणं पादौ रक्ष रक्ष नः, ओं ह्रीं णमो सिद्धाणं कटिं रक्ष-रक्ष ओं ह्रीं णमो आयरियाणं नाभिं रक्ष रक्ष, ओं ह्रीं णमो उवज्झायाणं ह्रदयं रक्ष रक्ष, ओं ह्रीं नमो लोए सव्व साहूणं ब्रह्माण्डं रक्ष रक्ष ओं ह्रीं एसो पंच णमक्कारो शिखां रक्ष रक्ष - 199
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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