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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
१३.
फल- अन्य ग्रहीतश्चुतैक संस्थो भवति।
ऋद्धि- ॐ णमो ऋजुमदीणं । फल- २४ दिन जप से शान्ति होती है। ऋद्धि- ॐ णमो विउलमदीणं । विधि- बहुश्रुतवान होता है। लोण खाटो पर्ययेत् १ मास तक १०८ जप करे। ऋद्धि- ॐ णमो दसपुव्वीणं। विधि- सर्वांग वेदी हो जाता है। लोण खाटो पर्यायत् मास ६ जप १०८ । ऋद्धि - ॐ णमो अट्ठ महाणिमित्त कुसलाणं। फला - 108 बार प्रतिदिन जप से जन्म-मरण का ज्ञान हो जाता है। ऋद्धि - ॐ णमो चउदस पुवीणं । फल - 108 प्रतिदिन जप से पर समय वेदी हो जाता है। ऋद्धि - ॐ णमो विउणयविपत्ताणं । फल - 20 दिन तक प्रतिदिन 108 बार जप से काम्य वस्तु प्राप्त हो। ऋद्धि - ॐ णमो विज्जाहराणं। फल - प्रतिदिन 108 जप से उपदेशमात्रा जानाति। ऋद्धि - ॐ णमो चारणाणं। फल - प्रतिदिन 108 बार जप से बिना मुट्ठि पदार्थ स्वयं जानाति। ऋद्धि - ॐ णमो पण्हं सवणाणं। फल - 108 बार प्रतिदिन जप से आयु अवसान जान जाता है। ऋद्धि - ॐ णमो आगासगामीणं फल - 108 प्रतिदिन जप से अंतरिक्ष योजन मात्रं गच्छति। ऋद्धि - ॐ णमो आसीविसाणं। फल - प्रतिदिन 108 जप से विद्वेष नाश हो जाता है। ऋद्धि - ॐ णमो दिट्ठिविसाणं । फल - इसके जप से स्थावर-जंगम के द्वारा कृत रोग नष्ट हो जाते हैं। ऋद्धि - ॐ णमो उग्गतवाणं। फल - इस जप से वचन का स्तम्भन होता है। ऋद्धि – ॐ णमो दित्ततवाणं। फल - तीन दिन तक रविवार की मध्याह्य से 108 जप करें। सेना का स्तम्भन होता है। ऋद्धि - ॐ णमो तत्ततवाणं फल - 108 बार प्रतिदिन जप से अग्नि का स्तम्भन होता है। जलं जयेत् ।
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