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तो भारत सरकार द्वारा बनायी गई संसदीय समिति ने पूरी तरह से गैट करार को रिजेक्ट करने की बात कही। उसके बावजूद भारत सरकार ने 15 दिसम्बर 1994 को गैट करार पर हस्ताक्षर कर दिए। और गैट करार पर हस्ताक्षर करते समय देश के लोगों के सामने एक बहुत बड़ा झूठ बोला गया। वो झूठ क्या बोला गया भारत सरकार की तरफसे। कहा गया कि जब गैट करार लागू हो जायेगा पूरी दुनिया में तो सारी दुनिया का व्यापार 240 अरब डॉलर बढ़ जायेगा। और सारी दुनिया का व्यापार जब 240 अरब डॉलर बढ़ जायेगा। तो भारत का व्यापार भी कम से कम 5 अरब डॉलर तो बढ़ ही जायेगा। भारत का निर्यात 5 अरब डॉलर ज्यादा हो जायेगा। और आपको अगर याद होगा कि जिस समय भारत सरकार ने गैट करार पर हस्ताक्षर किया था। उस समय रोज टेलीविजन पर इस तरह के कार्यक्रम आते थे गैट करार के समर्थन में। तो सरकार कभी एक को बैठाती थी। कभी दूसरे को बैठाती थी और सरकारी लोगजो भोपूहोते थे। जो सरकारी चाटुकार होते थे। वो टेलीविजन पर यह बताते थे कि गाँव के किसानों को बहुत मदद होने वाली है। किसानों को बहुत फायदा होने वाला है।
और इस तरह से पूरे देश में गैट करार विरोधी जो आंदोलन शुरु हुआ था उसको धीरे-धीरे खत्म करने का काम टेलीविजन के माध्यम से सरकार ने किया।
और इस तरह से भारत की सरकार ने भारत के किसानों को और भारत के लोगों को गुमराह किया कि 240 अरब डॉलर का व्यापार बढ़ेगा पूरी दुनिया का। भारत का व्यापार 5 से 6 अरब डॉलर का बढ़ेगा। भारत का निर्यात भी बढ़ेगा। भारत के किसानों की आमदनी बढ़ेगी। भारत में किसानों का निर्यात बढ़ेगा। इस तरह की बातें करनी शुरु कर दी। आज गैट करार को लागू हुए चार साल हो गए हैं और चार साल लागू होने के बाद स्थिति क्या है-बिलकुल उल्टी है। पूरी दुनियां में किसी भी स्तर पर 240 अरब का व्यापार बढ़ा नहीं है बल्कि भयंकर मंदी आ गयी है। पूरी दुनिया में गैट करार लागू होने के बाद जो व्यापार बढ़ने की बात कही जा रही थी बिलकुल उल्टी बात साबित हुई है। व्यापार बढ़ा नहीं है। व्यापार कम हो गया है।
और जब पूरी दुनिया में व्यापार कम हो जाता है। माल की खरेदी-बिक्री कम हो जाती हैं तभी मंदी आती है।
इस समय पूरी दुनियां में भयंकर मंदी चल रही है। अमेरिका में भी मंदी चल रही है। यूरोप में भी मंदी चल रही है। खुद भारत में भयंकर मंदी चल रही है। तो इतना बड़ा झूठहम लोगों से बोला गया कि 240 अरब डॉलर का व्यापार बढ़ेगा। वो तो कहीं हुआ नहीं बल्कि स्थिति उल्टी हो गई। स्थिति यह हो गई है कि भारत का निर्यात पहले जितना होता था उसमें 5 अरब डॉलर का निर्यात कम हो गया। जो
..... स्वदेशी कृषि