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जब जमीने बिकने लगीं तो अंग्रेजों की सरकार ने किसानों से जमीनें जबरदस्ती खरीदना शुरु कर दिया ।
हमारे देश में अंग्रेजों की सरकार ने भारत के किसानों की जमीन छीनने के लिए जो सबसे पहला कानून बनाया उस कानून का नाम है 'लेण्ड एक्यूजीशनस एक्ट' । उसको अगर हिन्दी में कहा जाए तो 'जमीन हड़पने का कानून' जो आज भी चलता है इस देश में । यह कानून अंग्रेजों ने बनाया था। करीब 150-200 साल पहले। यह जो लेण्ड एक्यूजीशनस एक्ट था। वो अंग्रेजों की सरकार ने क्यूँ बनाया ताकि भारत के किसानों से जमीन छीन ली जाए और भारत के किसानों को बर्बाद कर दिया जाए।
अंग्रेजों की एक पद्धति थी काम करने की । वो जिसको भी बर्बाद करते थे उसके लिए पहले कानून बनाते थे। जैसे मान लीजिए अगर अंग्रेजों को आपकी जेब काटनी है तो वो जेब नहीं काटेंगे। पहले जेब काटने का कानून बनायेंगे और उस कानून के बाद जब आपकी जेब कटना शुरु हो जाएगी तो अंग्रेज कहेगें कि हम तो कानून का पालन कर रहे हैं। अब आपकी जेब कटती है। तो कट जाये । माने - सीधे जेब नहीं काटेंगे। लेकिन जेब काटने का कानून बनायेंगे और फिर कहेगें हम कानून का पालन कर रहे हैं। इसमें आपकी जेब कटती है तो कट जाए। तो उन्होंने किसानों को बर्बाद करने के लिए सीधे कुछ नहीं कहा। उन्होंने यह नहीं कहा कि हम किसानों को बर्बाद करेंगे बल्कि किसानों को बर्बाद करने के लिए कानून बना दिया । फिर उन कानूनों का पालन करवाना शुरु किया उन्होंने और किसान उसमें बर्बाद होना शुरु हो गए। तो पहला कानून लगा दिया टॅक्स के रुप में। लगान के रूप में। और दूसरा कानून लगा दिया अंग्रेजों ने भारत में किसानों की जमीन हडपने के लिए जिसका नाम रखा गया 'लेण्ड एक्यूजीशन एक्ट ' ।
अंग्रेजों के बड़े-बड़े बेईमान और भ्रष्ट अधिकारी इस देश में हुए। एक अंग्रेज ऑफीसर था । जिसका नाम था डलहौजी । बहुत ही बेईमान और भ्रष्टाचारी ऑफीसर था उस जमाने का । डलहौजी क्या करता था कि जिस गाँव में जाता था । उस गाँव के किसानों की जमीनें छीनता था। गाँव-गाँव के किसानों की जमीनें छीन-छीन कर उन जमीनों को 'लेण्ड एक्यूजीशन एक्ट' के नाम पर अंग्रेजों की सम्पत्ति के रूप में घोषित किया जाता था । डलहौजी ने किस तरह से इस देश के किसानों की जमीनें छिनी हैं और किस तरह से वो अंग्रेजी सम्पत्ति बनायी गयी है वो जमीनें उसका एक जीता जागता उदाहरण मैंने मेरे जीवन में देखा ।
मैं जिस प्रदेश का रहने वाला हूँ उत्तर प्रदेश । और ऐसा ही एक प्रदेश है जिसका स्वदेशी कृषि
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