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9) एक बरतन में 3 लीटर गोमूत्र, 3 किलो गोबर और 3 लीटर पानी मिलाकर
इसमें 250 ग्राम पुराना गुड़ मिलायें। इस बरतन को इस तरह बन्द करें कि उसमें हवा न जाय। 8 दिन बाद इस दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर
फसल पर छिड़कें। पूरी फसल के दौरान 3-4 बार छिड़क सकते हैं। 10) 100 लीटर गोमूत्र में 7 किलो नीम के पत्ते, 7 किलो आकड़ा के पत्ते और 7 किलो सीताफल के पत्ते मिलाकर 15 दिन तक रखें। फिर 15 दिन बाद इसमें 100 ग्राम लहसुन का अर्क मिलाकर गर्म करें। अब इसमें से आधा लीटर दवा 100 लीटर पानी के अनुपात में मिलाकर फसल पर छिड़कें। यह सभी फसलों
पर काम आती है। 11) 3 किलो ग्राम गन्धती के पत्ते 20 लीटर पानी में डालकर गरम करें। इतना
गरम करें कि पानी 5 लीटर रह जाय। फिर इसमें से 100 ग्राम दवा लेकर 15 लीटर पानी में मिलायें और फसल पर छिड़कें। यह दवा भी सभी फसलों के
लिए उपयोगी है। 12) 3 किलोग्राम रतनजोत के पत्ते 20 लीटर पानी में तब तक उबालें जब तक
पानी एक-चौथाई न रह जाय। फिर इसमें 100 मिलीलीटर दवा 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। यह दवा सभी फसलों पर उपयोगी है, लेकिन आम
की फसल पर अत्यन्त उपयोगी है। 13) 3 किलोग्राम तम्बाकू पावडर, 250 ग्राम वावडिंग का पावडर, 5 लीटर
गोमूत्र, 5 किलोग्राम गोबर को आपस में मिलायें। और 20 लीटर पानी में दो दिन तक रखें। उसके बाद उसे 200 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़कें।
यह फलों की खेती पर विशेष असरकारक है। धान की खेती के लिये 14) 1 किलोग्राम रामी के पत्तों का रस निकालकर 10 लीटर पानी में डालें और
गरम करें। फिर इस दवा को 100 लीटर पानी में मिलाकर धान की फसल पर छिड़कें।
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....................... स्वदेशी कृषि