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________________ संगोष्ठियों में प्रस्तुत पत्र1. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्तपोषित एवं ग्राम व्यवस्थापन अध्ययन केन्द्र, गूजारात विदयापीठ, ग्रामीण परिसर, रांधेजा-गांधीनगर (गुजरात) द्वारा 9-10 जनवरी,2012 में संपोषित ग्रामीण विकास प्रबंध के प्रतिमान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में “सम्पोषित विकास के मनोवैज्ञानिक आधार एवं जैन दर्शन शांतिपूर्ण समाज की संरचना” पत्र की प्रस्तुति। 2. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्तपोषित एवं महादेव देसाई ग्राम सेवा महाविदायालय, गजारात विदयापीठ, ग्रामीण परिसर, रांधेजा-गांधीनगर (गजरात) द्वारा 9-10 फरवरी,2013 में परिवार एवं समुदाय विज्ञान के संपोषित प्रतिमान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में “आरोग्य स्वराज लाने में सहायक जैन दर्शन" पत्र की प्रस्तुति। प्रकाशनार्थ प्रेषित (2013) - 1. "गीता और गुणस्थान सिद्धान्त" send to Editor- Tulsi Prajna, Jain Vishva Bharati __Institute (Deemed University) LADNUN-341306 2. "गणस्थान अवधारणा एवं बौद्ध दर्शन" send to Editor- JINAVANI, C/O Prof D. C. Jain, 3 K 24-25, Kudi Bhaktasani Huosing Board, JODHPUR-342005. 3. "श्रमण परम्परा और श्रावक" send to, Editor-SHRAMAN, Parshwnath Vidya Peeth IT I Road, Karomdi, BHU, VARANASI (U. P.) 4. "वर्ण व्यवस्था में निहित आध्यात्मिक विकास के प्रतिमान, श्रुत सागर, प्रकाशक आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञान मंदिर, श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा, गांधीनगर को प्रकाशनार्थ प्रेषित। 5. "तत्त्वार्थसूत्र में निहित गुणस्थान के अभिगम की समीक्षा", send to Editor- Prakrit Vidya Kundkund Bharati, Prakrit Bhavan, Kakvariya Sarai, Near Qutub Hotel NEW DELHI. 6. "जैन दर्शन में वर्णित धर्म के दश लक्षणों का मानवीय विकास से सामाजिक सरोकार", शोधादर्श मासिक पत्र ज्योति निकुंज चारबाग लखनऊ (उ.प्र.) को ।
SR No.009365
Book TitleGunasthan ka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeepa Jain
PublisherDeepa Jain
Publication Year
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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