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| नेमीनाथ
कल्पसूत्रे सशब्दार्थ ॥८६६॥
पस
प्रभोः
|| चरित्रम्
दत्त नामा, भिक्खाए खीरं लद्धं, छउमत्थावत्थाकालो नव मासा, बकुल नाम चेइयरुक्खतले मिग्गसिर सुक्कएक्कारसदिवसे केवलणाणं, वेताह सुक्कदसमी दिणे निव्वाणं, देहप्पमाणं पन्नरसधणूमाणं, कंचणवण्णो, नीलुप्पललक्खणं, णायगगणहरो कुंभो, अग्गणी साहुणी अणिला, पव्वज्जाकालो अद्धतइयसहस्सवरिसं, गणहराणं संखा सत्तरस, साहु संखा बीससहस्सा, साहुणी संखा एकचत्तालीससहस्सा, सावगाणं संखा एगसत्तरिसहस्सउत्तरं एगलक्खा सावियाणं संखा चउरासीइसहस्सउत्तरं तिण्णिलक्खा, साहु केवली संखा छसयोत्तर
एगसहस्सा, साहुणी केवली संखा दो सयोत्तर तिण्णिसहस्सा, ओहिनाणीणं IS संखा छसयोत्तर तिण्णिसहस्सा, मणपज्जवनाणीणं संखा दो सया पन्नासोत्तर
एगसहस्सा, चउद्दसपुव्वीणं संखा चत्तारिसया पन्नासा, वेउव्वियलद्धिधराणं
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