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कल्पसूत्रे .. सशब्दार्थे
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बंधन को समय प्रमाण अर्थात् अमुक समय में बांधने का उपदेश करेंगे। वे सब मुनि |. भगवच्छा
सनावध्याअविधि मार्गसे उपदेश करेंगे। अनेक मुनिगण जिन की प्रतिमा करावेंगे। बहुत से
दि कथनम् । मुनि जिन मूर्तियों की प्रतिष्ठा करावेंगे। बहुत से मुनि जिनप्रतिमा की स्थापना करनेवाले होंगे। यावत् यहां तक ये सभी अविधिमार्ग में पड जायेंगे। वे सभी पहले कहे गये कार्यों को स्वच्छंद पने से करेंगे। हे गौतम! जब भस्मग्रह निवर्तित होगा तब फिरसे मेरे शासन में उदय पूजा सत्कार होंगे। साधुओं का तथा साध्वीयों की तथा श्रावकों का और श्राविकाओं का भी उदय और पूजा सत्कार होगा ॥३३॥ __ मूलम्-जइ णं भंते अमुगे जीवे मिच्छा मोहणिय उदएण बालजीवा देवाणुप्पियेण पडिमं करावेइ पडिमाणं वा पइटुं करावेंति तेणं जीवा किं जणयंति ? गोयमा! ते बालजीवा एगंतेणं पावाई कम्माई जणयति से केण
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