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विपाकचन्द्रिका टोका, श्रु० १, अ० ७, उदुम्बरदत्तवर्णनम् ५८३ कर्मों का क्षय कर सिद्विगति को प्राप्त करेगा 'निक्खेवो' इस प्रकार हे जम्बू ! इस सप्तम अध्ययन का यह भाव भगवानने फरमाया है । मैंने जैसा प्रभु से सुना वैसा ही तुम से कहा है ॥ सू १० ॥
॥ इति श्री विपाकश्रुतके दुःखविपाकनामक प्रथम__ श्रुतस्कन्ध की 'विपाकचन्द्रिका' टीका के
हिन्दी अनुवाद में ' उदुम्बरदत्त' नामक
सप्तम अध्ययन सम्पूर्ण ॥ १-७॥
४शन सिद्धिगतिने प्रात ४२'निक्खेवो' मा प्रमाणे न्यू ? PAR सातमा અધ્યયનના આ ભાવ ભગવાને કહેલ છે, મેં પણ પ્રભુ પાસેથી જેવા સાંભળ્યા છે तेवाशते तभने ४९स छे. (सू० १०)
ति विश्रुतना 'दुःखविपाक' नामना प्रथम श्रुत२४धनी 'विपाकचन्द्रिका' Art गु०४ाती अनुवामा
'उदुम्बरदत्त' नाम सातभु
અધ્યયન સપૂર્ણ ૧-૭
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सातमु