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विपाकचन्द्रिका टी. श्रु० १, अ० १, जात्यान्धपुरुषस्य कोलाहल विषये जिज्ञासा. ७५
अथ मृगाग्रामे नगरे 'इंदम वा' इन्द्रमहः इन्द्रोत्सवः, अत्र 'इवा' शब्दौ वाक्यालंकारे 'जाव णिग्गच्छंति' यावत् निर्गच्छन्ति, अत्र यावच्छन्देन'खंदम इवा, मुगुंदमहे इ वा णागमहे इ वा, जक्खमहे इवा, भूयमहे इवा, कूवमहे इवा, तडागमहे इवा, नईमहे इवा, दहम इवा, पव्वयम इवा, जक्खम इवा, चेइयम हे इ वा, थूभमहे इवा, जं णं एए बहवे उग्गा भोगा राइना इक्खागा णाया कोरव्वा खत्तिया खत्तियपुत्ता भडा भडपुत्ता' इत्यादि 'मियागामस्स नयरस्स मज्झ मज्झेणं' इत्यन्तं संग्राह्यम् । छाया - 'स्कन्दमह इति वा, मुकुन्दमह इति वा, नागमह इति वा, यक्षमह इति वा, भूतमह इति वा, कूपमह इति वा, तडागमह इति वा, नदीमह इति वा, हृदमढ इति वा, पर्वतमह इति वा, वृक्षमह इति वा, चैत्यमह इति वा, स्तूपमह इति वा, यत् खलु जाव णिग्गच्छंति' यहाँ 'जाव' शब्द से 'खंदमहे इ वा, मुकुंदमहे इ वा, गागमहे इ वा, जक्खमहे इवा, भूयमहे इ वा, कूवमहे इ वा, तडागम इवा, नईम इवा, दहम इवा, पव्वयमहे इ वा, रुक्खमहे इवा, चेइयमहे इ वा धूभमहे इ वा, जं णं एए बहवे उग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा णाया कोरवा खत्तिया खत्तियपुत्ता भडा भडपुत्ता' यहाँ लेकर 'मियागामस्स णयरस्स मज्झं मज्झेणं' यहाँ तक के पदों का संग्रह करना चाहिये । इसका अर्थ इस प्रकार है- -क्या आज इस मृगाग्राम नगर में इन्द्रोत्सव है ?, स्कन्दोत्सव है ?, मुकुन्दोत्सव है ? नागोत्सव है ? यक्षोत्सव है ?, भूतोत्सव है ?, कूपोत्सव है ?, तडागोत्सव है ?, नदी का उत्सव है ?, हूदोत्सव है ?, पर्वतोत्सव है ?, वृक्षोत्सव है ?, चैrयोत्सव - स्मारकोत्सव है ? अथवा स्तूपोत्सव है 2, 'खंदमहे इवा, मुगुंदमहे इ वा, गागमहे इ वा, जक्खम हे इ वा, भूयमहे इ वा, कूत्रमहे इ बा, तडागमहे इ बा, नईमहे इ वा, दहमहे इ वा, पव्वयम हे इवा, रुक्खमहे इवा, चेयम इवा, थ्रुभम हे इ वा, जंणं एए बहवे उग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा णाया कोरव्वा खत्तिया खत्तियपुत्ता भडा भडपुत्ता' अहीं थी सहने 'मियागामस्स णयरस्स मज्झमज्झेणं' भहीं सुधीना यहोनो संग्रह श्री सेवा જોઇએ. આના અર્થ આ પ્રકારે છે–શું આજ આ મૃગાગ્રામ નગરમાં ઇન્દ્રોત્સવ છે ? શું સ્કન્દોત્સવ છે ? મુકુન્દોત્સવ છે? નાગાત્સવ છે ? યક્ષોત્સવ છે? ભૂતાત્સવ છે? पोत्सव छे ? तडागोत्सव छे ? नहीना उत्सव छे ? हुहोत्सव छे ? पर्वतोत्सव छे ? વૃક્ષાત્સવ છે? ચૈત્યોત્સવ–સ્મારકત્સવ છે ? અથવા સ્તૂપોત્સવ છે ? જે આ ઘણાં ઉગ્ર,