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________________ पीयूषधपिणी-टोवास ८४ अम्बपरिघ्रानक टिपये भगदगौतमयो संपाद ६०१ दिवसे ठिइवडिय काहिनि बिडयदिवसे चदसूरदसणियं काहिति, छट्टे दिवसे जागरिय काहिति, एक्कारसमे दिवसे वीइक्वते णिव्वत्ते असुइ-जाय-कम्मकरणे सपत्ते वारसाहे दिवसे अम्मापियरो इम एयारूव गोण गुणणिप्फण्ण णामधेनं काहिंति'काहिति' करिष्यत 'विष्यदिवसे' द्वितायदिवसे 'चदमूरदसणिय' चन्द्रसूर्यदर्शनिकानामक पुत्रजन्मोत्साविशेष करिष्यत , 'टे दिवसे' पप्ठे दिवसे 'जागरिय' जाग रिका गनिजागरिका-सुतज मोसवरूपा करिष्यत , 'एक्कारसमे दिवसे' एकादशे दिवसे 'वीइक्ते' व्यतिक्रा ते व्यतीते, 'णिव्बते' निवृत्ते व्यताते ‘असुइजायकम्मकरणे' अशुचिजातकर्मकरणे-अशुचानाम् अगौचवता जातकर्मणो जातकर्ममस्कारस्य यत् करण= विधान तस्मिन् , निवृत्ते सताति पूर्वेणान्चय 'सपत्ते वारसाहे दिवसे' सम्प्राप्ते द्वादशाहे दिवसे दानशाहरूपे दिन समागते टत्यर्थ , ' अम्मापियरो इम एयाख्व गोणं गुणणिप्फण्ण नामवेज्ज काहिति' अम्बापितरौ इरवदयमाणम् एतद्रूप वक्ष्यमाणस्वरूप गौण पिता (पढमे दिवमे) प्रथम दिवस में (ठिडवडिय) अपनी स्थिति के अनुसार पुत्र-जन्म के उत्सर को (काहिति) मनायेंगे।(विटयदिवमे चदमूरदसणिय काहिंति) द्वितीय दिवसमें पुत्रजम के उत्सव के अवसर पर मनाय जाने वाले 'चढ़मूर्यटनिका' नाम के उत्सव को करेंगे। (छट्टे दिवमे जागरिय काहिति) उठवे दिन जागरण करेंगे, (एक्कारसमे दिवसे वीइक्कते णिन्चत्ते असुदजायकम्मरणे सपत्ते वारसाहे दिवसे) ग्यारहवें दिवस जननागौच समाप्त होने पर फिर बारहवें दिवस के लगन पर ( अम्मापियरो) इसके मातापिता (इम एयारूच गोण गुणणिप्फण्ण णाम पेज काहिति ) इसका गुणमवधयुक्त एव सार्थक पिता (पढमे दिवसे) पडसा हिरे (ठिइवडिय) पानी स्थिति अनुसार पुत्रभने। GHq (काहिति) मनाये, (बिडयन्विमे चदसूरदसणिय काहिति) બીજે દિવસે પુત્ર જન્મના ઉત્સવ અવસરે મનાવવામાં આવતો “ચ દ્રસૂર્યशनिडा' के नामने। Gस ४२२, (ढे दिवसे जागरिय काहिति) ७१। पिसे २५ ४२0 (एकारसमे दिवसे पीइक्ते णिवत्ते असुइजायकम्मकरणे सपत्ते बारसाहे दिवसे) मायारमे पिसे गन्म-मशीय (सूत४) समास २४ गया पछी मारभहि५ यता (अम्मापियरो) तेन। मातापिता (इम एयारूव गोण गुणणिप्फण्ण णामवेज्ज काहिति) तेना शुष्प धने मनुसक्षाने तमा
SR No.009353
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1106
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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