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________________ १६४ ओपपातिकमरे महालय सीहनिकोलिय तबोफम्म पडिवण्णा, भद्दपडिमं महाभदपडिम सव्वओभदपडिम आयंबिलवद्धमाण तवोकम्मं पडिवपणा, मासियं भिक्खुपडिम, एवं दोमासियं पडिम, तिमासियं डित तप कर्म प्रतिपन्ना , ' अप्पेगइया महाग्य सीहनीपीलिय तोफम्म पडिवण्णा' अप्येकके महासिंहनिष्क्रीडित तप कर्म प्रतिपन्ना , 'भदपडिम' भट्ट प्रतिमा 'महाभदपडिम' महाभद्रप्रतिमा, 'सोभइपडिप' सर्वतोभद्रप्रतिमा प्रतिपन्ना , 'आयपिलवद्धमाण तोफम्म पडिवण्णा' आचामाम्लपर्द्धमानक तप : कर्म प्रतिपन्ना । ' मासिय भिक्सुपडिम ' मासिकी भिक्षुप्रतिमा-मासपरिमाणा मासिकी ता भिक्षुप्रतिमाम्-अभिग्रहरूपाम् , सत्र हि मास यावदेका दत्ति --अनिच्छिन्नदानम् , अर्थात्-अविच्छिन्नधारया करस्थान्यादिभ्य यद् भक्त पान च पतति सा - (अप्पेगइया महालय सीहनीकीलिय तवोसम्म पडिवन्ना) कितनेक मुनिजन महासिंहनिष्क्रीडित तप करते थे । (भदपडिम महाभदपडिम सबओभदपडिम आयविलबद्धमाण तवोकम्म पडिवण्णा) कितनेक मुनि ऐसे थे जो भद्रप्रतिमा, महाभद्रप्रतिमा एव सर्वतोभद्रप्रतिमा-रूप तप का आराधन करते थे। कितनेक ऐसे भी थे जो आयनिलवर्द्धमान तप को करते थे। इनका विस्तृत वर्णन अन्य शास्त्रों में है। ( मासिय भिक्खुपडिम, एव दोमासिय पडिम तिमासिय पडिम जाव सत्तमासिय भिक्खुपडिम पडिवण्णा) कितनेक मुनिराज ऐसे थे जो एकमासिक भिक्षुप्रतिमा के धारी थे । इस प्रतिमा मे एक महिने तक एक दत्ति होती है । भिक्षापात्र में अविच्छिन्नधारापूर्वक जो भिक्षा दाता के हाथ अथवा याली आदिसे गिरती.. (अप्पेगइया महालय सीहनीम्कीलिय तवोकम्म पडिवन्ना) मा भुनिन भासि निष्पीडित त५ ४२ता उता (भद्दपडिम महाभदपडिम सव्वओभद्द पडिम आयबिलवद्वमाण तवोकम्म पडिवण्णा) माय भुनिया सेवा ता કે જેઓ ભદ્રપ્રતિમા મહાભદ્રપ્રતિમા તેમજ સર્વતેભદ્રપ્રતિમા રૂપ તપનું. આરાધન કરતા હતા કેટલાક એવા પણ હતા જે આય ખિલવવદ્ધમાન તપ ४२ता उता मानु विस्तारपूर्व पनि अन्य शास्त्रीमा छ (मासिय भिक्खु पडिम, एव दोमासिय पडिम तिमासिय पडिम जार सत्तमासिय भिक्खुपडिम पडि घण्णा) सामे४ भुनिसन सेवा त ३२ मेडमासिड लिप्रतिमाना ધારક હતા આ પ્રતિમામાં એક મહીના સુધી એક દત્તિ થાય છે ભિક્ષા
SR No.009353
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1106
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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