SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 349
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ omments ર૪ર उत्तराभ्ययनसचे पिनीतापिनीतयोरुपदेशदाने यव फल गुरोभरति तदाहमूलम् ---रमए पडिए सांस, हय भंद वे वाहए । वाल सम्मइ सासतो, गलियस्स वाहए ॥३७॥ छाया-रमते पण्डितान् शासन, हय भद्रमिन पाइकः । बाल म्यति शासन, गलिताश्चमिर वाहकः ।। ३७ ॥ टीका--' रमए' इत्यादि-- __अन गुरुरिति कर्तृपद प्रकरणाशाद्विनेयम् । पण्डितान-पिनीतशिप्यान्, शासन =शिक्षयन् गुरुः, रमते=सफलमयत्ननया प्रसन्नो भरतीत्यर्थ. कस? भद्रजात्य विनीत, हयम् अश्व वाहयन्, नाहकः अश्वपाह इस, यथा जात्याश्य वाहयन्नश्ववाहा यद्वा- 'सुलटा दीक्षायोग्या कन्येति' इसी साधु की क्रिया मनोज्ञ ह अथवा यह कन्या दिक्षा योग्य है। भावार्थ-मुकृत आदि शब्दो को प्रयोग यदि साधु सासारिक कार्यों को लक्ष्य में रख कर करता है तो वह दोप का भागी होता है और इन्ही शब्दों का प्रयोग यदि वह धार्मिक कार्यों को लक्ष्य में रखकर करता है तो उसको कोई दोप नहीं लगता है ॥३६॥ विनीत और अविनीत शिष्य को उपदेश देने मे गुरुमहाराज कोजो फल प्राप्त होता है उसे इस गाथाद्वारा सूत्रकार कहते हैं-'रमए' इत्यादि अन्वयार्थ-गुरु महाराज (पडिए-पडितान ) विनीत शिष्यो को (सास-शासत्) शिक्षा देते हुए (रमए-रमते) सफल प्रयत्नवाला होने से प्रसन्न होते हैं। जैसे-(भद्द हय व वाहए-भद्र य इव वाहकः । सुलष्ठा दीक्षायोग्या कन्येति" मा साधुनी ठिया मनोज्ञ छ अथवा मा न्या દિક્ષા ગ્ય છે ભાવાર્થ–સુકૃત આદિ શબ્દનો પ્રયોગ જે સાધુ સંસારીક કાર્યોને લક્ષમાં રાખીને કરે છે તો તે દેવને ભાગી બને છે અને એ જ શબ્દોને પ્રયોગ તે ધાર્મિક કાર્યોને લક્ષમાં રાખીને કરે છે તે તેને કેઈ દોષ લાગતો નથી ૩૬ વિનીત અને અવિનીત શિષ્યને ઉપદેશ દેવામાં ગુરુ મહારાજને જે ફળ प्रास थाय छ मेने २0 आ वा। सूत्र२ 38 छे-रमए० छत्याह मन्वयार्थ:-शुरु भा२।४ पडिए-पडितान् विनीत शिष्याने सास -शासत् शिक्षा मापता रमए-रमते सण प्रथल पाथी तना ६५२ प्रसन्न थ छे,
SR No.009352
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages961
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy