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पांचया अध्ययन ११३ परिग्रहविरमण का निरूपण
८३५-८४५ ११४ त्रसस्थावर पिपयक अपरिग्रह का वर्णन
८४६-८५२ ११५ अकल्पनीय वस्तु का निरूपण
८५३-८६० ११६ कल्पनीय अशनार्दिक का निरूपण
८६०-८७० ११७ सयवाचार पालक की स्थिति का निरूपण
८७१-८८९ ११८ 'निस्पृहा ' नामकी पहली भावना का निरूपण ८९०-९०० ११९ चक्षुरिन्द्रिय सवर' नामकी दूसरी भावना का निरूपण ९०२-९१५ १२० 'घ्राणेन्द्रियसवर' नामकी तीसरी भावना का निरूपण ९१६-९२२ १२१ जिहूवेन्द्रियसवर ' नामकी चौथी भावना का निरूपण ९२३-९२९ १२२ ' स्पर्शेन्द्रियसवर' नामकी पाचवी भावना का निरूपण ९३०-९४१ १२३ अध्ययन का उपसहार
९४२-९४८ १२४ दशमाङ्ग मे श्रुतस्कधादि का निरूपण
९४९१२५ शास्त्रमशस्ति
९५०-९५३
-समाप्त: