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________________ सकारणं अहीणमइरितं तेण परं दिवड्ढो मासो ॥३४॥ तेमासियं परिहारहाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसे वित्त आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअट्ठं सहेउं सकारणं अहीणमहरितं तेण परं दिवड्ढो मासो ॥३५॥ दोमासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअट्ट सहेर्ड सकारणं अहीणमइरित तेण परं दिवड्ढो मासो ॥३६॥ मासियं परिहारठाणं पठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्जावसाणे सबढे सहे सकारण अहिणमडरितं तेण परं दिवइडो मासो ॥३७॥ दिवढमासियं परिहारट्ठाणं पठविए अणगारे अंतरा मासिय परिहारट्ठणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आदमज्झावसाणे सअट्ठ सहेउ सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं दो मासा ||३८|| दोमासियं परिहारहाणं पठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमल्झावसाणे सअटूट सहेउ सकारणं अहीणमइरितं तेण परं अड्ढाडज्जा मासा ॥३९॥ अड्ढाइज्जमासियं परिहारहाणं पठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटें सहेउं सकारणं अहीणमारित्तं तेण परं तिण्णि मासा ||४०॥ तेमासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअळं सहेउ सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं अदुट्ठा मासा ॥४१॥ अद्भुट्ठमासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडि से वित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअलैं सहेउ सकारणं अहीणमइरित्त तेण परं. चत्तारि मासा ॥४२॥ चाउम्मासियं परिहारट्ठाण पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सई
SR No.009348
Book TitleNishith Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages541
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size32 MB
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