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क्खभत्तं वा दुकालभत्तं वा दुमगमत्तं वा गिलाणभत्तं वा वदलियाभत्तं वा पाहुणभत्तं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ।६।।
जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इमाई छद्दोसपयाई अजाणिय अच्छिय अगवेसिय परं चउरायपंचरायाओ गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए निक्खमह वा पविसइ वा निक्खमंतं वा पविसंतं वा साइज्जइ तंजहा-कोडागारसालाणि वा भंडागारसालाणि वा पाणसालाणि या खीरसालाणि वा गंजसालाणि चा महाणससालाणि वा॥७॥
जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियायं मुदाभिसित्ताणं आगच्छमाणाण वा णिग्गच्छमाणाण वा पयमवि चक्खुदंसणपडियाप अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइज्जइ ।।
जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं इत्थीओ सव्वालंकारविभूसियाओ पयमवि चक्खुदसणपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेत वा साइज्जइ ॥९॥
जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताण मंसखायाणं वा मच्छखायाणं वा छविखायाणं वा बहिया णिग्गयाणं असणं वा पाणवा खाइम वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गहेंतं वा साइजह ॥१०॥
जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं अण्णयरं उबवूहणिज्ज समीहियं पेहाए तीसे परिसाए अणुट्टियाए अभिण्णाए अवोच्छिण्णाए जोतं असणं वा ४ पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥११॥ ____ अह पुण एवं जाणेज्जा-'इहज्ज रायखत्तिए परिवुसिए' जे भिक्खू ताए गिहाए ताए परसाए ताए उवासंतराए विहारं वा करेइ सज्झायं वा करेइ असणवा पाणवा खाइमं वा साइम वा आहारेड, उच्चारं वा पासवणं वा परिहवेइ, अण्णयरं वा अणारियं निठुरं अस्समणपाओग्गं कहं कहेइ कहेंतं वा साइज्जइ ॥१२॥
जे भिक्खू रण्णो खत्तियाण मुदियाण मुद्धाभिसित्ताणं वहिया जत्तासंपडियाणं असणं वा पाण वा खाइम वा साइम वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥१३॥
जे भिक्खू रणो खत्तियाणं मुदियाणं मुद्धाभिसित्ताणं चहिया जत्तापडिणियत्ताण असणवा पाणं वा खाइम वा साइम चा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥
एवं-'नईजत्तासंपष्टियाण' ॥१५।। 'नईजत्तापडि नियत्ताणं' ॥१६॥ 'गिरिजत्तासंपट्ठियाणं' ॥१७॥ गिरिजत्तापडिनियत्ताणं' ॥१८॥
जे भिक्खू रण्णो खत्तियाणं मुदियाण मुद्धाभिसित्ताण महाभिसेयंसि वद्यमाणंसि णिक्खमइ वा पविसइ वा णिक्खमंत वा पविसंतं वा साइज्जइ ॥१९॥