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________________ पृष्ठाक १-७ १६-२६ २६-३७ * * * * * * * * * जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति भाग तीसरे की विषयानुक्रमणिक अनुक्रमाङ्क विषय सातवां वक्षस्कार १ चन्द्रसूर्यादिग्रहविशेषों की संख्या का कथन सूर्यमण्डलका निरूपण मेरुमंडल के अबाधाद्वारका निरूपण मण्ड र के आयामादि वृद्धि हानिद्वार का निरूपण मुहूर्तगति का निरूपण दिनरात्रि वृद्धिहानि का निरूपण तापक्षेत्र का निरूपण दुरासन्नादि द्वार का निरूपण प्रकारान्तर से तापक्षेत्र का निरूपण इन्द्र के च्यवन के द्वारकी व्यवस्था का कथन चन्द्रमण्डल की संख्या आदिका निरूपण प्रथमादिमंडल की अवाधा का निरूपण सर्वाभ्यन्तरमण्डल के आयामादि का निरूपण मुहूर्तगति का निरूपण नक्षत्राधिकार का निरूपण सूर्य के उदयास्तमन का निरूपण संवत्सरों के भेदों का निरूपण एकसंवत्सर में मानसंख्या का निरूपण करणों की संख्यादि का निरूपण संवत्सर की आदि का कथन नक्षत्राधिकार का निरूपण नक्षत्रों के देवताओं का निरूपण २३ नक्षत्रों के गोत्र का कथन * * * ६६-८२ ८४-१०६ १०७-१३२ १३२-१४० १४०-१४८ १४९-१५८ १५८-१६८ १६९-१८१ १८२-१९६ १९७-२३० २३०-२६३ २६३-२८८ २८९-३०३ ३०४-३१३ ३१३-३२१ ३२२-३३५ ३३५-३४५ ३४५-३५३ * * * * * *
SR No.009347
Book TitleJambudwip Pragnaptisutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1978
Total Pages569
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jambudwipapragnapti
File Size46 MB
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