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दीप प्रज्ञप्तिसूत्र भा. दसरे की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाक विषय
पृष्ठाङ्क चौ वक्षस्कार क्षुल्लहिमवन्धर्षयरपर्वत का वर्णन रुद्रदिमवान के शिखर के ऊपर वर्तमान पनहद का निरूपण ८-१७ क्षुद्रहिमवान की भूमि में वर्तमान भवनादिका वर्णन
१८-३६ गार सिन्धु महानदी का निरूपण
२६-५३ गद्गादिमहानदी का निर्गमादि का निरूपण
५४-५९ रोहितंसा महानदी के प्रपातादिका निरूपण
६०-६३ शुद्राहिमवत्पर्वत के ऊपर वर्तमानकृष्ट का निरूपण
६३-८१ क्षुद्रहिमान् वर्षधरपर्वन से विभक्त हैमवक्षेत्र का वर्णन
८१-८५ क्षेत्रविभाजक पर्वत का निरूपण
८६-९३ हैमवत चर्प के नामादि का निरूपण
९३-९५ उनर दिशा के सीमापारी वर्षधर पति का निरूपण
९५-१०० महापमहृदपर्वत का निरूपण
१०१-११७ हिमवत्वपंधरपर्वत के ऊपर स्थित कूट का निरूपण ११७-१२० हरिवप क्षेत्र का निरूपण
१२१-१२९ निपधनाम के वर्षधरपर्वत का निरूपण
१३०-१३७ तिगिच्छहृद के दक्षिण में बहनेवाली नदी का वर्णन १३८-१५४ महाविदेह वर्ष का निरूपण
१५४-१६५ १८ गंधमादन वक्षन्कार पर्वत का निरूपण
१६१-१७६ १९:. उत्तर कुर का निरूपण
१७६-१९३ यमका राजधानीयां का वर्णन
१९४-२४६ २१ नीलवन्तादि हद का वर्णन
२४७-२५३ २२ सुदर्शन जम्बू का वर्णन
२५४-२८९
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