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सुबोधिनी टोका. सू. १०८ सूर्यातदेवस्य पूर्व भवजीवादेशिराजवर्णनम् इति वा गिरिसह इति वा दरीमत् इति को अबसमद इति या नदीसह इति
वा सरोगह इति वा सागरसह इति वा; यख इमे बहन उना उग्नपुत्रा • भोगा भोगना राजन्याः इवाको ज्ञाता सौरमा यथा औषपातिके तथैव इन्द्र को निषित करके उस्त हो रहा है, या स्कन्द को निमित्त करके उत्सव हो रहा है, या रुद्र को निषित करके उत्सव हो रहा है, या 'मुकुन्द' को निमित करके उरू हो रहा है, या वैश्रवण को निमित्त करके उत्सव हो रहा है, या जाग--को-विदित करके उत्सव हो रहा है, या शूतको निमिद करके उनकोसा है, काबा कोनिषित कर के उत्सव हो रहा है (थूराम , मग हे का, कलार गा, गिरिमहेइ वा, दरिस हेइ था, अइहेइ बा, ईरहे पा, निदेइ का, सागरलहेइ वा,) 'या किसी दर को निर्मित करके उत्सव हो रहा है, या दिली चैत्थ-उद्यान को निमित्त पारूले अन्न हो रहा है, या किती 'क्ष को निमित करके उत्सव हो रहा है, या किसी पर्वतको निमित्त- करकै उत्सब हो रहा है, या किसी गुप्ता को निमित्त करके उत्सव हो रहा है, या किसी-- 'अवट-कूप को लेकर के उत्सब हो रहा है, या किली नदी.को निमित्त करके
उत्सव हो रहा है, या किसी तालाब के निच करके उत्सव हो रहा है; या किसी बात को निर्मित करके उल्लेब हो रहा है? (जेण इमे
यहवे उगा 'उग्मपुत्ता, लोगा भोगापुत्ता; राइन्ना, रक्खा , णाधा, कोरबा. --- આજે શ્રાવસ્તી નગરીમાં ઈન્દ્રના નિમિત્તે કેઈ ઉત્સવ ઉજવાઈ રહ્યો છે, સ્કંદના -"निमित्त Sanswो छ, निमित SANGaz41 रह्यो छ, 'મુકદના મિમિત્ત કે ઉત્સવ ઉજવાઈ રહ્યો છે કે વૈશ્રવણના નિમિત્તે કઈ ઉત્સવ
Ans रह्यो छन निमित्त.. असा हा छ, सूतनिभित्तो ६. स. पारो छ यक्षना :निमित. स 'Sri Rो छ. (थमम. ' देई वा, वनइ घरा खोइ घा, शिरिमोई वा दहिह मो, अगड. ''महेइ वा, नईमहे वा, हारमोइको लापरलेहेई ) 31 स्तूपन! निमित्त "उत्सव wो छ, मोत्यांना निशित A Govqis Rो छ, वृक्षनानिमित्त
ઉત્સવ ઉજવાઈ રહ્યો છે, કે પર્વતના નિમિત્તે, ઉત્સવ ઉજવાઈ રહ્યો છે કે ગુફાના --નિમિ ? ઉત્સવ ઉજવાઈ રહ્યો છે, કે ઈ-ચાવટના નિમિત્ત ઉત્સવ ઉજવાઈ રહ્યો . छ, . हीना निमि: BAR Carts Rो छ, तापना निमित उत्सव 1; Saxqz) ,२हो .2, 3.315 द्रना , निभिन्ते Grous Rो छ ? जे णं इमे. पहवे
उग्गा उग्गफुत्ता. योगा भोजपुता, राइन्ना, लगा, णासा, कोरव्या, जहा