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प्रमेयबोधिनी रीका पद १८ सू० १२ संयतद्वारनिरूपणम् वा सपर्यवसितः तत्र खलु योऽसौ सा दि सपर्यवसितः स जघन्येन अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कृष्टेन अनन्तं कालम्, अनन्ता उत्सर्दिण्यवसर्दिण्यः कामतः, क्षेत्रतः अपार्द्ध पुद्गलपरिवर्त देशोनम्, संयतासंयतः खल पृच्छा, गौतम ! जघन्येन अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कृष्टेन देशोनां पूर्वकोटिम्, नो संयत नो असंयत नो संयतासंयतः खलु पृच्छा, गौतम ! सादिकोऽपर्यवसितः, द्वारम् १२, साकारोपयोगोपयुक्तः खलु भदन्त ! पृच्छा, गौतम ! जघन्येन उत्कृष्टेन अन्तमुहूर्तम्, अनाकारोपयोगोऽपि एवञ्चैव, द्वारम् १३ ॥९० १२॥ हे गौतम ! असंयत तीन प्रकार के कहे हैं (तं जहा) वे इस प्रकार (अणादीए वा अपज्जवसिए) अनादि अनन्त (अणादीए वा सपजवसिए) अनादि सान्त (सादीए वा सपजवसिए) सादि और सान्त (तत्य णं) उनमें (जे से) जो (सादीए सपजसिए) सादि सान्त है (से जहाणे णं अंतोमुहत्तं) वह जघन्य अन्तमुहर्त तक (उकोसे अणंतं कालं) उत्कृष्ट अनन्त काल तक (अर्णताओ उस्सप्पिणी ओसप्पिणीओ) अनमा उत्सपिणी-अवसर्पिणी (कालओ) काल से (खेत्तओ अवई पोरगलपरियह देसणं) क्षेत्र से देशोन अपार्थ पुद्गलपरिवर्तन
(संजयासंजए णं पुच्छा ?) संघलासंयत विषयक पृच्छा ? (गोयमा ! जहणणं अंतोमुहत्त) हे गौतम! जघन्य अन्तर्मुहूर्ततक (उकोसेणं देसूर्ण पुव्वकोडि) उत्कृष्ट देशोन करोडपूर्व तक। ___ (नो संजए नो असंजए नो संजयासंजए णं पुच्छा ?) नो संयत, नो असंयत और नो संयतासंयत संबंधी प्रश्न ? (गोयना ! सादीए अपज्जवसिए) गौतम ! सादि अनन्त (द्वार १२)
(सागारोवओगोचउत्ते ण अंते ! पुच्छा ? ) हे भगवन् ! साकारोपयोग से ४ारे (अणानीए वा अपज्जवसिए) मनाहिमनन्त (अणादीए वा सपज्जवसिए) मनाहिसान्त (सादीए वा सपज्जवसिए) साहि मने सान्त (तत्थण) ते मसयतमा (जे से) (सादीए सपज्जवसिए) सामने सान्त छ (से जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं) ते धन्य मन्तभुत सुधा (उक्कोसेणं अणंतं कालं) Gree मानत सुधी (अणंताओ उस्सप्पिणी ओसप्पिणीओ) मनन्त GAffell-Aqसपिए (कालओ) णया (खेत्तओ अवडूढं पोग्गलपरियÉ देसूर्ण) क्षेत्रथा शान અપાઈ પુદ્ગલ પરિવર્તન.
(संजयासंजएणं पुच्छा ?) सयासयत समधी-छ। १ (गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं) गौतम I ruन्य मन्तभुत सुधा (उकोसेणं देसूगं पुवकोडिं) SYष्ट शान ४२५ सुधी.
(नोसंजए नो असंजए नो संजयासंजए णं पुच्छा ?) नेसियत, नामसयत, नासयताસંતય સમ્બન્ધી પ્રશ્ન
(गोयमा ! सादीए अपज्जवसिए) गौतम | साहियान-त. दा२ १२ (सागारोवओगोवउत्ते णं भंते । पुच्छा ?) भगवन ! सा४।२।५ गया उपयुतविष १२.? प्र०५६