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प्रज्ञापनाने घा रक्तकणवीर इति वा रक्तबन्धुजीव इति घा, भवेद् एताद्पा ? गौतम ! नायमर्थः समर्थः, तेजोलेश्या खलु इतः इष्टतरिकाचैव यावद् मन आमतरिकाचैत्र वर्णेन प्रज्ञप्ता, पद्मलेश्या खल भदन्त ! कीदृशी वर्णेन प्रज्ञप्ता ? गौतम ! तद्यथा-नाम चम्पक इति वा चम्पकसक इति घा चम्पकभेद इति वा इरिद्रा इति वा हरिद्रागुटिका इति वा हरिद्राभेद इति वा हरिताल इति वा हरितालगुटिका इति वा हरिताल भेद इति वा चिकुर इति वा चिकुराग इति वा सुवर्णशुक्तिका इति वा बरकनक निकष इति वा परपुरुषासनमिति वा अल्लकीकुसुममिति वा चम्पककुसुममिति वा कर्णिकाकुसुममिति वा कूष्माण्डिकाकुसुपमिति वा सुवर्णयूथिकाकुसुमनहीं (तेउलेस्सा णं एत्तो इतरिया चेव जाच मणामतरिया चेव) तेजोलेश्या इससे भी अधिक इष्ट यावत् अधिक मनोज होती है ?
(पम्हलेस्सा णं संते ! केरिसिथा बन्नेणं पण्णता ?) हे भगवन् ! पद्म लेश्या वर्ण से कैसी कही है ? (गोयला ! से जहानामए) हे गौतम ! जैसे कोई (चंपेइ वा) चम्पा (चंपय छल्लीइ वा) चम्पक की छाल (चंपयभेदेइ वा) चम्पक ... का भेद टुकडा (हालिद्दाइ का) हलदो (हालिदगुलियाइ बा) हलदी की गुटिका (हालिद्दभेदेइ वा) हलदी का भेद-टुकडा (हरियालेइ वा) हडताल (हरियालगुलियाइ वा) हडताल की गुटिका (हरियाल भेदे बा) हडताल का भेद (चिउरेड् वा) चिकुर नामक पीत वस्तु (चिउररागेइ ना) चिकुर-राग (सुवणसिप्पीइ वा) • स्वर्ण की शुक्ति (वरकणगनिहलेइ पा) उत्तम सुवर्ण निकष-कसौटी पर बनी स्वर्णरेखा (वरपुरिसवलणेइ वा) वासुदेव का वस्त्र (अल्लइकुसुइ वा) अल्लकी का कुसुम (चंपवकुसुमेइ का) चम्पा का फूल (कणियारकुसुमेह वा) कणेर का
M(रत्तकणवीरएइ वा) सासरे (रत्तवंधुयजीवएइ वा) दास -धु०१४ (भवेया - रूवे ?) मे ३५वाणी हाय छे ?
(गोयमा ! णो इणढे समढे) गौतम ! 241 अथ समय नथी. (तेउलेस्माणं एत्तो इदुतरिया चेव जाव मणामतरिया चेव) तश्या तेनाथी ५ मटि यावत् मधि मनोहर डाय छे..
(पम्हलेस्साणं भंते ! केरिसिया वन्नेणं पण्णत्ता ?) भगवन् । पद्मश्या वर्षाथी ठेवी ४ी छ ? (गोयमा से जहानामए) गौतम | 24t (चंपेइवा) य प (चपयछल्लीई वा) य पानी छ (चंपयभेदेइ वा) पानी लेह-टु४31 (हलिद्दाइ वा) ४२ (हालिदगुलिया इवा) ४२नी गोरी (हालिदभेदेइ वा) शहर मे-टु। (हरियालेइ वा) उतार (हरियालगुलियाइ वा) हुतावनी गुटि (हरियालभेदेइ वा) हुतासना मे (चिउरेइ वा) य२ नामनी पाणी तु (विउररागेइ वा) यि२- (सवन्नसिप्पिइ वा) सानाना छी५ (वरकणगनिहसेइ वा) उत्तम सुव निष-सोटी ५२ मनदी सुपारेमा (वरपुरिसवसणेइ वा) सुविना १२ (अल्लइकुसुमेह वा) श्रीना ०५ (चंपयकुसुमे श्वा) २ पार्नु र (कण्णियारकुसुमेइ वा) ४२२ (पीvil)ना ५०५ (कुहंडयकुसुमेइ वा) ०मा