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प्रमेयबोधिनी टीका पद १५ सू० २ इन्द्रियाणामवगाहननिरूपणम् घ्राणेन्द्रिय जिवेन्द्रिय स्पर्शेन्द्रियाणाम् अवगाहनार्थतया प्रदेशार्थतया अक्गाहनप्रदेशार्थतया कतराणि कतरेभ्योऽल्पानि वा, तुल्यानि वा, विशेषाधिकानि वा ? गौतम ! सर्वस्तोकं चक्षुरिन्द्रियम् अवगाहनार्थतया, श्रोत्रेन्द्रियम् अवगाहनार्थतया संख्येयगुणस्, घ्राणेन्द्रियम्, अवगाहनार्थतया संख्येयगुणम्, जिह्वेन्द्रियमवगाहनार्थतया असंख्येयगुणम्, स्पर्शनेन्द्रियमवगानार्थतया संख्येयगुणम्, प्रदेशार्थतया सर्वस्तोकं चक्षुरिन्द्रियम्, श्रोत्रेन्द्रियं प्रदेशार्थतया संख्येयगुणम् ; घ्राणेन्द्रियं प्रदेशार्थतया संख्येयगुणम्, जिवेन्द्रियं प्रदेशार्थतया असंख्येयदिय-फासिंदियाण) हे भगवन् ! इन श्रोत्रेन्द्रिय, चक्षुइन्द्रिय, घ्राणेन्द्रिय, जितवेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय मे (ओगाहणट्टयाए) अवगाहना की अपेक्षा से (पएसयाए) प्रदेशों की अपेक्षा से (ओगाहणपएसट्टयाए) अवगाहना एवं प्रदेशोंदोनों की अपेक्षा से (कयरे कयरेहितो) कौन किससे (अप्पा चा, बहुथा वा, तुल्ला वा, विसेसाहिया वा? अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? (गोयमा ! सव्वत्थोवे चक्खिदिए) हे गौतम ! सब से कम चक्षुरिन्द्रिय (ओगा. हणयाए) अवगाहना की अपेक्षा से (सोइंदिए ओगाहणट्टयाए संखेजगुणे) श्रोत्रेन्द्रिय अवगाहना ले संख्यातगुणा है (घाणिदिए ओगाहणट्टयाए संखेज्जगुणे) घाणेन्द्रिय अवगाहना से संख्यातगुणा (जिभिदिए ओगहणट्टयाए असंखेज्जगुणे) जिहवेन्द्रिय अवगाहना से असंख्यातगुणा है (फासिदिए ओगाहणट्टयाए संखेजगुणे) स्पर्शेन्द्रिय अवगाहना से संख्यातगुणा है (पएसट्टयाए सव्वत्थोवे चक्खिदिए) प्रदेशों की अपेक्षा से सब से कम चक्षुइन्द्रिय है(पएसट्टयाए सोइंदिए संखेज्जतुणे) प्रदेशों से श्रोत्रेन्द्रिय संख्यातगुणा है (पाणिदिए पएसट्टयाए संखिज्जगुणे) प्रदेशों से घाणेन्द्रिय संख्यातगुणा है (जिभिदिए पएसट्टयाए असंखेजगुणे) प्रदेशों से
(एएसिणं भंते ! सोइंदिय-चविखंदिय-घाणिदिय-जिभिंदिय-फासि दियाणं) हे मान्! मा श्रीन्द्रिय, यक्षुधन्द्रिय, प्राणेन्द्रिय, निन्द्रय मने स्पशेन्द्रियमां. (ओगाहणयाए) मानानी अपेक्षाये (पएसट्टयाए) प्रदेश नी अपेक्षाये (ओगाहणपएसद्वयाए) अवगाहना तेभर प्रदेश मन्ननी अपेक्षाये. (कयरे कयरे हितो) नाथी. (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?) २५६५, घण, तुल्य अथवा विशेषाधि४ ?
गौतम । (गोयमा सव्वोत्थोवे चक्खिदिए) मधाथी माछी यधन्द्रिय छे. (ओगाहणट्रयाए) स नानी अपेक्षाय (सोइंदिए ओगाहणट्टयाए संखेज्जगुणे) श्रीन्द्रिय २५॥ नाथा सध्यातगुणी छे (पाणिदिए ओगाहणट्टयाए संखेजगुणे) मालेन्द्रिय मानाया सभ्यातगणी (निभिदिए ओगाहणयाए असंखेज्जगुणे) Craन्द्रय अनाथी मसभ्यातगुणी छे. (फासिदिए ओगाहणट्ठयाए संखेज्जगुणे) २५न्द्रय मानाथी सभ्यात छे. (पएसट्टयाए सव्वत्थोवे चक्खिदिए) प्रशानी अपेक्षा माथी माछी यन्द्रिय छे. (पएसट्टयाए सोइंदिए संखेजगुणे) प्रशाथी श्रीन्द्रिय सभ्याती छे. (पाणिदिए पएसद्ध