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प्रशापनासूत्रे अचरमे य अवत्तव्यए य १९, उदाहु चरसे य अचरले य अवतव्वयाई च २० उदाहु चरसे य अपरमाई य अवत्तव्यए य २१, उदाहु चरमे य अचरमाइं य अवत्तव्च्याई य २२, उदाहु बरमाइं व अचरमे य अवत्तव्यए य २३, उदाहु घरमाइं य अचरमे य अवत्तव्च्याई च २४ उदाहु चरमाइं य अचरमाइं य अवत्तबए य २५, उदाहु चरसाई य अचरमाइं य अवत्तव्यचाइं य २६ एए छठवीसं संगा। गोषमा ! पर. माणुपोग्गले नो चरमे नो अचरमे, नियमा अबन्तव्यए, सेसा भंगा पडिसेहेयव्वा ॥ सू० ४॥
छाया-परमाणुपुद्गलः खलु भदन्त ! किं चरमः १ अचरमः २ अवक्तव्यः ३ चरमाणि ४ अचरमाणि ५ अवक्तव्यानि ६ उताहो चरमश्च अचरमश्च ७ उताहो चरमश्च अचरमाणि ८ उताहो चरमाणि अचरमश्च ९ उताहो चरमाणि च अचरमाणि च १० प्रथमा चतुर्मङ्गी, उतादो चरमश्च अवक्तव्यश्च ११ उताहो चरमश्च अवक्तव्यानि च १२ उताहो चरमाणि च अव
परमाणु आदि को चरमाचरम वक्तव्यता शब्दार्थ-(परमाणुपोग्गले णं संते ! किं चरिमे ?) भगवन् ! परमाणु पुद्गल क्या चरम है ? (अचरिसे) अचरम है ? (अवत्तव्यए) अवक्तव्य है ? (चरमाई) चरमाणि-बहुत चरमरूप है ? (अचरमाई) बहुत अचरमरूप हैं ? (अवत्तव्वयाई) बहुत अवक्तव्यरूप है ? (उदाहु) अथवा (चरिमे य अचरिमे य) चरम और अचरम है ? (उदाहु) अथवा (चरिसे य अचरमाइं) चरम और बहुत अचरमरूप है ? (उदाहु चरमाई अचरमे य) अथवा अनेक चरवरूप और एक अचरम है ? (उदाहु चरमाइं च अचरमाई च) अथवा बहुत चरम और बहुत अचरमरूप है ? (पडमा चउभंगी) पहली चौभंगी। (उदाहु चरिमे य अवत्तव्यए य) अथवा चरम और अवक्तव्य है, (उदाछु
પરમાણુ આદિની ચરમાયરમ વક્તવ્યતા शहाथ-(परमाणुपोग्गलेणं भंते किं चरिमे) बागवन् ! ५२मा पुगस शुयरम छ १ (अचरिमे) २५२म छ १ (अवत्तव्वए) Aqxतव्य छ ? (चरमाई) चरमाणि-घ! २२म ३५ छ ? (अचरमाई) घामयरम ३५ छ ? (अवत्तव्वयाइ) घ मवतव्य ३५ छ ? (उदाहु) Aथq। (चरिमे य अचरिमे य) य२म अने सयरम छ १ (उदाहु) अथवा (चरमेव अचरमाइं) यम अने १९॥ मयम ३५ छे' (उदाह चरमाई च अचरमाई च) अथवा घरी यरम भने ५९॥ अन्य ३५ छ ? (पढमा चउभंगी) पडसी यो लजी
(उदाहु चरिमेय अवत्तव्वए य) मया यरम भने गवतव्य छ (उदाहु चरिमे य