________________
९५०
प्रज्ञापनासूत्र उत्कृष्टेन नव रात्रिंदिनानि विंशति मुहर्ताः माहेन्द्रे कल्पे देवानां पृच्छा गौतम ! जघन्येन एकं समयम्, उत्कृप्टेन द्वादशरात्रिदिनानि दशमुहूर्तान् ब्रह्मलोके देवानां पृच्छा, गौतम ! जघन्येन एक समयम् उत्कृप्टेन अर्द्धत्रयोविंशतिरात्रि दिनानि, लान्तकदेवानां पृच्छा, गौतम ! जघन्येन एकं समयम् उत्कृप्टेन पञ्चचत्वारिंशद्रात्रिदिनानि, महाशुक्रदेवानां पृच्छा, गौतम ! जघन्येन एक समजघन्य एक समय, उत्कृष्ट चौवीस मुहूर्त तक (सणंकुमारे कप्पे देवाण पुच्छा ?) सनत्कुमार कल्प में देवों के उपपात के विरह का प्रश्न ? (गोयमा ! जहण्णेणं एगं लमयं उक्कोसेणं णव राइंदियाई वीसं मुहुत्ताई) हे गौतम ! जघन्य एक सयम, उकृष्ट नौ रात्रि-दिन
और वील मुहर्त तक (माहिदे देवाणं पुच्छा?) माहेन्द्र कल्प में देवों के उपपात विरह की पृच्छा ? (गोयमा ! जहण्णेणं एनं समयं, उक्कोसेणं वारस राइंदियाई दसमुहुत्ता) हे गौतम ! जघन्य एक समय, उत्कृष्ट चारह रात्रि-दिन और दस मुहर्त (वंभलोए देवाणं पुच्छा ?) ब्रह्मलोक कल्प के देवों संबंधी पृच्छा ? (गोयमा! जहण्णेणं एगं समय, उक्कोसेणं आतेवीसं राईदियाई) हे गौतम! जघन्य एक समय, उत्कृष्ट साढे बाईस रात्रि दिन (लंतगदेवाणं पुच्छा ?) लान्तक कल्प के देवों संबंधी पृच्छा ? (गोयमा ! जहण्ण्णणं एग समय, उक्कोसेणं पणतालीसं राइंदियाई) हे गौतम ! जघन्य एक समय, उत्कृष्ट पैतालीस रात्रि दिन (महासुक्के देवाणं पुच्छा ?) महाજઘન્ય એક સમય ઉત્કૃષ્ટ ચોવીસ મુદ્દત સુધી
(सणकुमारे कप्पे देवाणं पुच्छा ?) सनभार ४६५मा हेवान। पातना वि२४। प्रश्न ? (गोयमा ! जहणणं एग समयं, उक्कोसेणं णव राइंदियाई वीसं मुहत्ता) गौतम ! धन्य मे४ समय, अष्ट न रात न मने पास
भुत सुधा
(माहिदे देवाणं पुच्छा ?) भाउन्द्र ४६५मा हेवाना ५पात वि२७ प्रश्न ? (गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं उकोसेणं बारस राइंदियाई दस मुहुत्ता) ગૌતમ ! જઘન્ય એક સમય, ઉત્કૃષ્ટ બાર રાત્રિ દિન અને દશ મુહૂર્ત
(वंभलोए देवाणं पुच्छा ?) प्रयो४ ४६५मा हेवाना समन्धी ? (गोयमा ! जहण्णेणं एगं समय उक्कोसेणं अद्धतेवीसं राइंदियाइ) गौतम ! જઘન્ય એક સમય, ઉત્કૃષ્ટ સાડા બાવીસ રાત્રિ દિન
(लतगदेवाणं पुच्छा ?) सात ४६५ना हेवानी २७ ? (गोयमा ! जहणेणं एग समयं, उकोसेणं पणतालीसं राइंदियाई) से गौतम ! धन्य સમય, ઉત્કૃષ્ટ પિસ્તાલીસ રાત્રિ દિન
।