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प्रज्ञापनासूत्र ७८ यिकाः पर्याप्तकाः संख्येयगुणाः, एतेषां खल भदन्त ! अकायिकानाम् पर्याप्तापर्याप्तकानाम् कतरे कतरेभ्योऽल्पा वा, बहुका वा, तुल्या वा, विशेषाधिका वा, गौतम ! सर्वस्तोकाः अकायिकाः अपर्याप्तकाः, अकायिकाः पर्याप्तकाः संख्येयगुणाः, एतेपां खलु भदन्त ! तेजस्कायिकानाम् पर्याप्तापर्याप्तकानां कतरे कतरेभ्योऽल्पा वा, बहुका वा, तुल्या वा, विशेषाधिका वा ? गौतम ! सर्वस्तोकाः तेजस्कायिकाः अपर्याप्तकाः, तेजस्कायिकाः पर्याप्तकाः संख्येयगुणाः, एतेषां खलु भदन्त ! वायुकायिकानाम् पर्याप्तापर्याप्तकानाम् कतरे कतरेभ्योऽल्पावा, त्तगा संखेज्जगुणा) पृथिवीकायिक पर्याप्त संख्यातगुणा हैं । (एएसि णं भंते !) हे भगवन् ! इन (आउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं) अप्काय के पर्याप्त और अपर्याप्त में से (कयरे कयरेहिंतो) कौन किससे (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा) अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? (गोयमा !) हे गौतम ! (सव्वत्थोवा आउकाइया अपज्जत्ता) सब से कम अप्कायिक अपर्याप्तक हैं (आउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा) अप्कायिक पर्याप्त संख्यात गुणा हैं । (एएसि र्ण भंते !) हे भगवन् ! इन (तेउकाइयाणं (पज्जत्तापज्जत्ताणं) तेजस्कायिक पर्याप्तों और अपर्याप्तों में से (कयरे कयरेहिंतो) कौन किससे (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा) अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं । (गोयमा) हे गौतम ! (सव्वत्थोवा तेउकाइया) सब से कम तेजस्कायिक (अपज्जत्तगा) अपर्याप्त हैं (तेउकाइया पज्ज. त्तगा संखेन्जगुणा) तेजस्कायिक पर्याप्त संख्यातगुणा हैं । (एएसि णं भंते !) हे भगवन् ! इन (वाउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं) वायकाय ज्जत्तगा पाथी मेछ। पृथ्वीयि अपर्याप्त छ (पुढविकाइया पज्जत्तगा असंखेज्ज गुणा) पृथिवीयि: पर्याप्त मसभ्यात मा छे (एएसिणं भंते !) मशवन् ! २मा (आउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं) याना पर्याप्त अने म५पतमाथी (कयरे कयरेहितो) आयु नाथा (अपा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा),21, घg, तुल्य २५२ विशेषाधिन छ (गोयमा) गौतम (सव्वत्योवा आउकाइया अपज्जत्तगा) माथी माछ। यि अपर्याप्त छ (आउकाइया पज्जत्तगा संखेज्जत्तगुणा) १ ४ पर्यात सध्यातमा छ (एएसिणं भंते । ) भगवन् । 'मा' (तेउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्ताणं) ४४४ याता भने अपर्याप्तीमाथी (कयरे कयरेहिंतो) एY अनाथी अप्पा वा वहुया वा तुल्ला वा विसेसाएिया वा) थाi, qधारे, तुक्ष्य पर विशेषाधिछे ? (गोयमा) 3 गौतम (सव्वत्थोवा तेउकाइया) पाथी माछा ते४२४यि (अपजत्तगा) अपर्याप्त छ (तेउकाइया पज्जत्तगा संखेज्ज गुणा) ते॥२४॥यिपर्याप्त