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प्रज्ञापनासू
सूक्ष्मपृथिवीकायिकाः पर्याप्तकाः विशेषाधिकाः ६९, सूक्ष्माष्कायिकाः पर्याप्तकाः विशेषाधिकाः ७०, सूक्ष्मवायुकायिकाः पर्याप्तकाः विशेषाधिकाः ७१, सूक्ष्मनिगोदाः अपर्याप्तकाः असंख्येयगुणाः ७२, सूक्ष्मनिगोदाः पर्याप्तकाः संख्येयगुणाः ७३, अभवसिद्धिका अनन्तगुणाः ७४, प्रतिपतितसम्यग्दृष्टयोऽनन्तगुणाः ७५, सिद्धाः अनन्तगुणाः ७६, वादरवनस्पतिकायिकाः पर्याप्तकाः अनन्तगुणाः ७७, वादर पर्याप्तकाः विशेषाधिकाः ७८ वादरवनस्पतिकायिकाः अपर्याप्तकाः असंख्येयगुणाः ७९, बादरा पर्याप्तकाः विशेपाधिकाः ८०, वादराः हिया) सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्त विशेषाधिक (हम तेउकाइया पज्जन्तया संखिज्जगुणा ) सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्त संख्यातगुणा (सुम पुढचीकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया) सूक्ष्म पृथिवीकायिक पर्याप्त विशेषाधिक (हुम आउकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया) सूक्ष्म अायिक पर्याप्त विशेषाधिक (सुहुम वाउकाइया पज्जत्तया विसेसाहिया) सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्त विशेषाधिक (सुहुम निगोया अपज्जत्तया असंखिज्जगुणा ) सूक्ष्म निगोद अपर्यातक असंख्यातगुणा (सुम निगोया पज्जत्तया संखिज्जगुणा ) सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक संख्यातगुणा (अभवसिद्धिया अनंतगुणा) अभव्य अनन्तगुणा (परिवडिय सम्मद्दिठिया अणगुणा ) सम्यक्त्व से भ्रष्ट अनन्तगुणा (सिद्धा अनंतगुणा) सिद्धू अनन्तगुणा हैं । (बायरवणस्सइकाइया पज्जन्तया अनंतगुणा) वादर वनस्पतिकायिक पर्याप्त अनन्तगुणा (बायर पज्जत्ता विसेसाहिया) बादर पर्याप्त विशेषाधिक (वायरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखिज्जगुणा) बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्त असंख्यात सखिज्जगुणा) सूक्ष्म तेन्स्ायिक पर्याप्त संख्यातगा है (सुहुम पुढविकाइया पज्जतया विसेसाहिया) सूक्ष्म पृथ्वी पर्यास विशेषाधि छे. (सुहुम आउकोइया पज्जत्तया विसेस हिया) सूक्ष्म अपर्याप्त विशेषाधि४ छे. (सुहुम वाउकाइया पज्जत्तया विसेसोहिया) सूक्ष्म वायुअयिक पर्यास विशेषाधि छे. (सुहुम निगोया अपज्जत्तया असं खिज्जगुणा ) सूक्ष्म निगोह पर्यास असण्यातगा छे. (सुहुम निगोया पज्जत्तया स खिज्जगुणा ) सूक्ष्म निगोह पर्याप्त संख्यातगया छे. (अभवसि - द्धिया अनंतगुणा ) गालव्य अनन्तगणा छे. (परिवडियसम्मद्दिठिया अनंतगुणा ) सभ्यश्रुत्वथी भ्रष्ट अनन्ता छे. (सिद्धा अनंतगुणा) सिद्ध अनन्तगा छे (बायर वणस्सइकाइया पज्जत्तया अनंतगुणा ) गाहर वनस्यतियिः पर्याप्त अनन्तगाला छे. (वायर पज्जत्तया विसेसाहिया) बाहर पर्याप्त विशेषाधि छे. ( बायर वणस्सइ काइय। अपज्जत्तगा असंखिजगुणा ) माहर वनस्पति अपर्याप्त असण्यात
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