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प्रमेयबोधिनी टोका पद ४ सू.०२ देवदेवीनां स्थितिनिरूपणम् वर्षसहस्राणि, उत्कृष्टेन अर्द्धपञ्चमानि पल्योपमानि, अपर्याप्तिकानाम् असुरकुमारीणां भदन्त ! देवीनां कियन्तं कालं स्थितिः प्रज्ञप्ता ? गौतम ! जघन्येनापि अन्तर्मुहूर्तम्, उत्कृष्टेनापि अन्तर्मुहूर्तम्, पर्याप्तिकानाम् असुरकुमारीणां देवीनां भदन्त ! कियन्तं कालं स्थितिः प्रज्ञप्ता ? गौतम ! जघन्येन दशवर्षसहस्राणि अन्तर्मुहूर्तोनानि, उत्कृष्टेन अर्द्धपञ्चमानि पल्योपमानि अन्तर्मुहूर्तोनानि, नागकुमाराणां देवानां सदन्त ! कियन्तं कालं स्थितिः प्रज्ञप्ता ? जघन्येन दशवर्ष'गोयमा ! जपणेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं अद्धपंचमाई पलिओवलाई) हे गौतम ! जघन्य दस हजार वर्ष की, उत्कृष्ट साढ़े चार पल्योपन की। (अपज्जत्तियाणं भंते ! असुरकुमारीणं देवीणं केवइयं काल ठिई पण्णता ?) भगवन् ! अपर्याप्त असुरकुमारी देवियों की कितने काल तक स्थिति कही है ? (गोयमा ! जहण्णेण वि अंतो. मुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्त) गौतम ! जघन्य भी अन्तर्मुहूर्त
और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहर्त की (पज्जत्तियाणं असुरकुमारीणं देवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ?) भगवन् ! पर्याप्त असुरकुमारी देवियों की कितने काल तक स्थिति कही है ? (गोयमा) हे गौतम ! (जहण्णेण दसवाससहस्साई अंतोमुहुत्तूणाई', उक्कोसेणं अद्धपंचमाई पलिओवमाई' अंतोमुहत्तूणाई) जघन्य दस हजार वर्ष में अन्तर्मुहूर्त कम की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त कम साढे चार पल्योपम की। ___ (नागकुमाराणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ?) हे भगवन् ! नागकुमार देवों की कितने काल की स्थिति कही है ? सहस्साई, उक्कोसेणं अद्ध पंचमाइं पलिओवमाई) गौतम ! धन्य ४श हुनर qष नी. कृष्ट सा! या२ पक्ष्योपमनी (अपज्जत्तियाण भंते ! असुरकुमारीण देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ?) भगवन् ! अपर्यास मसुरकुमारी विया नी ८॥ ४॥ सुधा स्थिति ही छ ? (गोयमा जहण्णेणं वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं) गौतम | धन्य ५४ मन्तभुत मन अgbट पy मन्त इतनी (पजत्तियाण असुरकुमारीण देवीणं भंते । केवइय कालं ठिई पण्णत्ता ?) लगवन् । पर्याप्त मसुरभारी वियोनी ॥ ४॥ सुधी स्थिति ४डी छ ? (गोयमा ।) 3 गौतम ! (जहण्णेणं दसवाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई उक्कोसेणं अद्धपंचमाइं पलिओमाई) धन्यथी मतभुत ४भ स १२ १५-ना અને ઉત્કૃષ્ટથી અન્તર્મુહૂર્ત ઓછા સાડા ચાર પલ્યોપમની છે.
(नागकुमाराणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता) भगवन् नागभार हेवानी स्थिति सा नी ४३वामी मावी छे ? (गोयमा !) ३ गौतम!