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________________ ___ - = प्रमैयबोधिनो टोका पद ६ सू.१२ आयुर्वन्धनिरूपणम् बहुया वा, तुल्ला वा, विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वस्थोवा जीवाजातिणामनिहत्ताउयं अहिं आगरिसेहिं पकरेमाणा सत्तहिं आगरिसेहिं पकरेमाणा संखेज्जगुणा, छहिं आगरिसेहिं पकरेमाणा संखेज्जगुणा, एवं पंचहिं संखिज्जगुणा, चरहिं संखिजगुणा तीहि संखेजगुणा, दोहिं संखिजगुणा, एगेणं आगरिसेणं पगरेमाणा संखेजगुणा, एवं एतेणं अभिलावेणं जाव अणुभागणामनिहत्ताउयं, एवं एते छप्पिय अप्पाबहुदंडगा जीवादिया भाणियव्वा, इति पण्णवणाए वतियपयं छद्रं समतं ।६।।।सू०१६॥ ___छाया-कतिविधः खलु भदन्त ! आयुष्यवन्धः प्रज्ञप्तः ? गौतम ! पविधः आयुष्यबन्धः प्रज्ञप्तः, तद्यथा-जातिनामनिधत्तायुप्यम् १, गतिनामनिधत्तायुप्यम् २, स्थितिनामनिधत्तायुष्यम्३, अवगाहनानामनिधत्तायुष्यम्४, प्रदेशनामनिधत्तायुष्यम्५, अनुभावनामनिधत्तायुष्यम् ६, नैरयिकाणां भदन्त ! कतिविधः आयुबन्ध के प्रकार शब्दार्थ--(कइ विहेणं भंते ! आउयवंधे पण्णत्त ?) भगवन् ! आयु का बंध कितने प्रकार का कहा है ? (गोयमा !) हे गौतम ! (छविहे) छह प्रकार का (आउय बंधे) आयु का बन्ध (पण्णत्ते) कहा गया है । (तं जहा) वह इस प्रकार (जातिनामनिहत्ताउए) जाति नाम निधत्तायु (गतिनामनिहत्ताउए) गति नामनिधत्तायु (ठितिणाम निहत्ताउए) स्थितिनामनिधत्तायु (ओगाहणनामनिहत्ताउए) अवगाहना नामनिधत्तायु (पएसनामनिहत्ताउए) प्रदेशनामनिधत्तायु (अणुभाव नाम निहत्ताउए) अनुभाव नाम निधत्तायु। __(नेरइयाणं भंते ! कइविहे आउयबंधे पपणत्ते ?) भगवन् ! नारकों આયુ બન્ધના પ્રકાર शहा:-(काविहेणं भंते । आउयबंधे पण्णत्ते ) 3 गवन् ! मायुना मन्ट प्रा२ना ४ा छे ? (गोयमा) हे गौतम ! (छविहे) ७ प्रहरी (आउयबन्धे) आयुन। सन् (पण्णत्ते) ४डेसा छ (तं जहा) ते ॥ ४॥२ (जाति नामनिहत्ताउए)ति नाम निधत्तायु (गतिनामनिहत्ताउए) गति नाम निधतायु (ठितिनामनिहत्ताउए) स्थिति नाम निधत्तायु (ओगाहणनामनिहत्ता उप) अपना नाम नियत्तायु (पएसनामनिहत्ताउए) महेश नाम नियत्तायु (अणु : भावनामनिहत्ताउए) मनुमा नाम नियत्तायु
SR No.009339
Book TitlePragnapanasutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1975
Total Pages1196
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size80 MB
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