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________________ ७८ प्रशापनासूत्र - छाया-ये गन्धतः सुरभिगन्धपरिणता स्ते वर्णतः कालवर्णपरिणता अपि १, नीलवर्णपरिणता अपि२, लोहितवर्णपरिणता-अपि३, हारिद्रवर्णपरिणता अपि ४, शुक्लवर्णपरिता अपि ५। रसतस्तिक्तरसपरिणता अपि १, कटुकरसपरिणता अपि२, कपायरसपरिणता अपि ३, अम्लरसपरिणता अपि४, मधुररस. परिणता-अपि ५। स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता अपि१, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि२, गुरुकस्पर्शपरिणता अपि३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि ४, शीतस्पर्शपरिणता अपि५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि ७, रूक्ष सूत्रार्थ-(जे) जो (गंधओ) गंध की अपेक्षा से (सुभिगंध परिणया) सुगंध परिणमन वाले हैं (ते) वे (वण्णओ) वर्ण से (कालवण्णपरिणया वि) कालेवर्ण के भी हैं (नीलवण्णपरिणया वि) नीलवर्ण के भी हैं (लोहियवण्णपरिणया वि) लोहित (लाल) वर्ण के भी हैं (हालिद्द वण्णपरिणया वि) पीले वर्ग के भी हैं (सुकिल्लवण्णपरिणया वि) शक्ल वर्ण के भी हैं। (रसओ) रस से (तित्तरसपरिणया वि) तिक्त रसवाले भी हैं (कडुयरसपरिणया वि) कटुक रसवाले भी हैं (कसायरसपरिणमा वि) कषाय रसवाले भी हैं (अंबिलरस परिणया वि) आम्ल रसवाले भी हैं (महुररसपरिणया वि) मधुर रस वाले भी हैं। : (फासओ) स्पर्श से (कक्खडफास परिणया वि) कर्कश स्पर्शवाले भी हैं (मउयफासपरिणया वि) मृदुस्पर्शवाले भी हैं (गरुयफास परिणया वि) गुरु स्पर्शवाले भी हैं (लहुयफास परिणया वि) लघु स्पर्शवाले भी हैं (सीयफास परिणया वि) शोत स्पर्शवाले भी हैं (उसिण सूत्रा-(जे) र (गंधओ) गधनी अपेक्षा (सुन्भिगंधपरिणया) सुचना परिभवा छे. (ते) तसा (वण्णओ) वर्तुथी (कालपण्ण परिणया वि) गना पY छ (नील वण्ण परिणया वि) नीसा-पाहणी २ ना ५४४ छ (लोहिय वण्णपरिणया वि) सास गना ५ छ (हालिइवण्णपरिणया वि) पीना ५१. (सुक्किल्लवण्ण परिणया वि) स३६ २गना पर छ. (रसओ) २४थी (तित्तरसपरिणया वि) तीमा २सवाणा ५ छ (कडुयरसपरिणया वि) ४७वा २स पाजi ५ छ (कसायरसपरिणया वि) ४ाय २सवाणां पाय छ (अविलरसपरिणया वि) भाटा २स पा ५४ छ (महुररसपरिणया वि) મધુર રસ વાળા પણ છે. ' (फासओ) २५शथी (कक्खडफासपरिणया वि) ४२२५शवाणां पy छ (मउयफासपरिणया वि) मृदु५qni पY (गरुय फासपरिणया ४३ २५i ५i छ (लहुयफासपरिणया) वधु २५ वा ५४ छ (सीयफासपरिणया वि)
SR No.009338
Book TitlePragnapanasutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages975
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size63 MB
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