SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 77
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रमेयवोधिनी टीका प्र.१ सू.६ जीवादीनां वर्णादिना परस्परसंवेधनिरूपणम् ५९ अपि । स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिगना अपि १, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि २, गुरुकस्पर्शपरिणता अपि३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि४, शीतस्पर्शपरिणता अपि ५, उष्ण स्पर्शपरिणता अपि ६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि ७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि ८ । संस्थानतः परिमण्डलसंस्थानपरिणता अपि १, वृत्तसंस्थानपरिणता अपि २, व्यस्रसंस्थानपरिणता अपि ३, चतुरस्र संस्थानपरिणता अपि ४, आयतसंस्थानपरिणता अपि ५ २० । __ये वर्णतो लोहित वर्णपरिणतास्ते गन्धतः सुरभिगन्धपरिणता अपि १, (फासओ) स्पर्श से (कक्खड़फासपरिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (मउयफासपरिणया वि) मृदु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (गुरुयफासपरिणया वि) गुरू स्पर्श परिणमन वाले भी है (लहुयफासपरिणया वि) लघु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (सीयफास परिणया वि) शीत स्पर्श परिणमन बाले भी हैं (उसिणफासपरिणया वि) उष्ण स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (णिद्धफासपरिणया वि) स्निग्ध स्पर्शपरिणमन वाले भी हैं (लक्खफासपरिणया वि) रूक्ष स्पर्शपरिणमन से वाले भी हैं। ___(संठाणओ) संस्थान से (परिमंडलसंठाण परिणया वि) परिमंडल संस्थान परिणाम वाले भी हैं (वसंठाणपरिणया वि) वृत्त संस्थान परिणाम वाले भी हैं (तंससठाण परिणया वि) त्रिकोण संस्थान परिणाम वाले भी हैं (चउरंससंठाणपरिणया वि) चतुष्कोण संस्थान परिणमन वाले भी हैं (आययसंठाणपरिणया वि) आयत-लम्बे संस्थान परिणमन वाले भी हैं। • • (फासओ) २५शथी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४ २५ परिणाम पाणi ! छ (मउयफासपरिणया वि) भृढ २५ परिणाम पाणi पY छ (गुरुयफासपरियणा वि) शु३-मारे २५० परिणामी ५ छ (लहुयफासपरिणया वि) वधु-वा५श परि भी ५ छ (सियफासपरिणया वि) शात २५ परिणामी ५५ छ (उसिणफास परिणया वि) BY २५० परिणाम पाणां ५५ छ (णिद्धफासपरिणया वि) स्नि २५ परिणामवाणां ५५ छ (लुक्खफास परिणया वि) ३६ २५ परिणामी पछे. (संठाणओ) संस्थानथी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभा स स्थान परHami ५५ छ (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत संस्थान परिमाण ५९ छे. (तंस संठाणपरिणया वि) ोि संस्थान पा२णाम पाणi 4 छ (चउरंससंठाणपरिणया वि) तुम्हीएस स्थान परिणाम पाणi Y छे (आययसंठाणपरिणया वि) मायत-aini संस्थान परिणामवाणा पर छ
SR No.009338
Book TitlePragnapanasutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages975
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size63 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy