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________________ કરછ प्रक्षापनासूत्रे भूमगार, अंतरदीवगा३ । से किं तं अंतरदीवगा? अंतरदीवगा अट्ठावीसविहा पाणता, तं जहा-एगोरुया १, आहासिया २, वेसाणिया३, गंगोलिया४, हयकण्णा५, गयकण्णा६, गोकण्णा७, सबकुलिकण्णाद, आयंसमुहा१०, अयोनुहा११, गोमुहा१२, आसमुहा१३, हस्थिमुहा१४, सोहमुहा१५, वग्घमुहा१६, आसकण्णा१७, हरिकण्णा १८, अकाणा१९, कपणपाउरणा२०, उकामुहा२३, विज्जुदंता२४, घणदंता२५, लटुदंता२६, गूढदंता२७, सुद्धदंता२८। से तं अंतरदीवगा।१। से किं तं अकम्मभूमगा? अकम्मभूमगा तीसविहा पणत्ता, तं गहा-पंचहि हेमवएहिं५, पंचहि हिरणवए हिं५, पंचहि हरिबासेहिं५, पंचहिं रमगवासेहिं५, पंचहिं देवकुरू हिं५, पंवहिं उत्तरकुरुहिं५। ६४५३०। से तं अकस्मभूमगा ।सू०३६॥ __छाया-अथ के ते गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुप्याः ? गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्यात्रिविधा; प्रज्ञप्ताः, तद्यथा-कर्मभूमकाः १, अकर्मभूमकाः २, अन्तरद्वीपकाः ३। अथ के ते अन्तरद्वीपकाः ? अन्तरद्वीपका अष्टाविंशतिविधाः, प्रज्ञप्ताः, तद्यथा शब्दार्थ-(से किं तं गम्भवक्कतियपणुस्सा ?) गर्भज मनुष्य कितने प्रकार के होते हैं ? (गा बक्कंतियप्रणुस्सा तिविहा पण्णत्ता) गर्मज मनुष्य तीन प्रकार के कहे हैं (लं जहा) वे इस प्रकार हैं (कम्मभूमगा) कर्मभूमि में उत्पन्न (अकम्मभूमगा) अकर्मभूमि में उत्पन्न (अंतरदीवगा) अन्तर्टीयों में उत्पन्न । __ (से किं तं अंतरदीवगा ?) अन्तर्वीप में उत्पन्न होने वाले कितने प्रकार के हैं ? (अट्ठावीसविहा पण्णत्ता तं जश) अट्ठाईस प्रकार के कहे wat:-(से किं गभवतियमणुस्सा) भनुष्य 20 ४२॥ थाय छ ? (गम्भवक्कंतियमणुस्सा तिविहा पण्णत्ता) म भनुष्य न ४२॥ छ (नं जहा) ते २॥ ४ारे छे (कम्मभूगग.) भभूमिमा उत्पन (अकम्मभूमगा) २४ भूमिमा Gua (अंतरेतीवगा) मत२ दीपाभा पन्न (से कि तं अंतरदीवगा) मन्त२ दीपमा त्पन्न यना। टसा प्रश्ना छ (अट्ठावीसविहा पण्णत्ता त जहा) यावीस १२॥ ४ह्या छ भ (एगो
SR No.009338
Book TitlePragnapanasutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages975
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size63 MB
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