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________________ प्रमेयवोधिनी टीका प्र, पद १ सू.७ जीवादीनां वर्णादिना परस्परसंवैधः ८३ ' सुरभिगन्धपरिणता अपि १, दुरभिगन्धपरिणता अपि२। स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता, अपि१, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि२, गुरुकस्पर्शपरिणता अपि३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि४, शीतस्पर्शपरिणता अपि५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि८। सस्थानतः परिमण्डलभी हैं (नीलवण्णपरिणया वि) नील वर्ण परिणमनवाले भी हैं (लोहिय .. वण्ण.परिणया वि) लाल वर्ण परिणभनवाले भी हैं (हालिद्द वण्ण परिणया वि) पीले वर्ण परिणमनवाले भी हैं (सुकिल्लवण्णपरिणया . वि) श्वेत वर्ण परिणमनवाले भी हैं। (गंधओ) गंध से (सुन्भिगंध परिणया वि) सुगंध परिणमनवाले भी हैं (दुविभगंध परिणया वि) दुर्गध परिणमन वाले भी हैं। ___(फासओ) स्पर्श से (कक्खडफासपरिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणमनवाले भी हैं (मज्यफासपरिणया वि) (मृदुस्पर्श परिणमनवाले भी हैं (गरुयफासपरिणया वि) गुरुस्पर्श परिणमनवाले भी हैं (लहुयफासपरिणयादि) लघुस्पर्श परिणमनवाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि). शीतस्पर्श परिणमनवाले भी हैं (उसिणफासपरिणया वि) उष्ण,स्पर्श, परिणमन वाले भी हैं (णिदफासपरिणया वि) स्निग्धस्पर्श परिणमनवाले भी हैं.(लुक्खफासपरिणया वि) स्क्षस्पर्श परिणमन वाले भी हैं। । (संठाणओ) संस्थान से (परिमंडल संठाणपरिणयावि) परिमंडल (वण्णओ) वर्ष थी (कालवण्णपरिणया वि) १० वर्ष परिणाम पाणi प छ (नीलवण्णपरिणया वि) नीस व परिणाम पाणi ५ छे (लोहियवण्णपरिणया वि) सास २ गाना परिणाम पाणi ५ छ (हालिदवण्णपरिणया वि) पीत पशु ५२. . शाम प ५छे (सुक्किल्लवण्णपरिणया वि) श्वेत व परिणाम पाणi पछ.. (गंधओ जयथी (सुन्भिगंधपरिणया वि) सुगध ५२म पण ५ (दुभिगंधपरिणय। वि) हु५ ५२४ाम. पाणां पर छे. (फासओ) २५शथी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४२० २५ २w ami ५५५ छ (मउयफासपरिणया वि) भृढ २५ परिणाम पाणi ५४४ छ (गरुयफासपरिणया वि) शु३ २५ परिणामी ५४ छ (लहुयफासपरिणया वि) सधु २५ परिणाम qui ५४ छे (सीयफासपरिणया वि) शीत २५श परिणाम पाणi ५ छ (उसिणफासपरिणया वि) SEY २५श ५२म पाणां ५५] छ (णिद्धफासपरिणया वि) स्नि५ २५ परिणाम mi ५४ छे. (संठाणओ) सथानथी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभस सस्थान
SR No.009338
Book TitlePragnapanasutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages975
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size63 MB
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