________________
प्रमेयद्योतिका टीका प्र.३ उ.३ सू.९७ पुष्करद्वीपनिरूपणम्
७१३ विक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बाणउई खल्लु भवे सयसहस्सा। अउणाणउइं असया चउणउया य [परिरयो] पुक्खरवरस्स। से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेण संपरिक्खित्ते दोण्ह वि वण्णओ। पुक्खरवरस्स णं भंते ! दीवस्स कइ दारा पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि दारा पन्नत्ता तं जहा-विजए वेजयंते जयंते अपराजिए । कहि णं भंते ! पुक्खरवरस्ल दीवस्स विजए णाम दारे पन्नत्ते गोयमा! पुक्खरवरदीवपुरच्छिमपेरंते पुक्खरोदसमुदपुरस्थिमद्धस्स पञ्चस्थिमेणं-हत्थ णं पुक्खरवरदीवस्स विजए णामं दारे पन्नत्ते तं चेव सव्वं एवं चत्तारि वि दारा, सीया सीओदा त्थि भाणियव्वाओ। पुक्खरवरस्स णं भंते ! दीवस्स दारस्स य दारस्स एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पन्नत्ते ? गोयमा ! अडयाल सय सहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साइं। अगुणुत्तरा य चउरो दारंतरपुक्खरवरस्स । पएसा दीण्ह वि पुटा जीवा दोसु भाणियब्वा । से केणट्रेणं भंते ! एवं बुच्चइ पुक्खरवर दीवे २१ गोयंमा ! पुक्खरवरेणं दोवे तत्थ तत्थ देसे तहिं तहिं बहवे पउमरुक्ख-पउमरणसंडा णिच्चं कुसुमिया जाव चिटुंति । पउल महापउमरुश्खे एत्थ गं पउम पुंडरिया णामं दुवे देवा महड्डिया जाव पलिओवमदिईया परिवसंति । से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ पुक्खरदीवे २ जाव णिचे । पुक्खरवरेणं भंते ! दीवे केवइया चंदा पभासिंसु वा ३ एवं पुच्छा चोयालं चंदसयं चउयालं चेत्र सूरियाणसयं। पुक्खरवरदीवम्मि चरंति एए पभासेंता ॥१॥ चत्तारि सहस्साई बत्तीसं चेव होंति णक्खत्ता । छच्चसया वावत्तर महग्गहा बारह सहस्सा ॥२॥ छपणउइ सयलहस्सा चत्तालीसं भवे सहस्साई । चत्तारि सया पुक्खरवर तारागण कोडिजी. ९०