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प्रमैयद्योतिका टीका प्र.३ उ.३ सू.११६ जम्बूद्वीपे नारारूपस्यान्तरादि नि० ९९५
मूलम्-जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे तारारूवस्स तारारुवस्स एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पन्नत्ते ? गोयना ! दुविहे अंतरे पन्नत्ते, तं जहा-वाघाइमे य निव्वाधाइमे य, तत्थ णं जे से वाघाइमे से जहन्नेणं दोणि य छावटे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साई दोषिण य बायाले जोयगसए तारारूवस्स २ य अबाहाए अंतरे पन्नत्ते । तत्थ णं जे से निवाघाइमे से जहन्नेणं पंचधणुसयाइं उकोसेणं दो गाउयाई तारारूव जाव अंतरे पन्नत्ते । चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्त जोइसरन्नो कइ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ? गोयमा ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-चंदपभा, दोसिणाभा, अचिमाली, पभंकरा, एत्थ णं एगमेगाए देवीए चत्तारि देवि साहस्सीओ परिवारे य, पभू णं तओ एगमेगा देवी अण्णाइं चत्तारि २ देविसहस्साई परिवारं विउवित्तए, एवामेव सपुवावरेण सोलस देवि साहस्सीओ पन्नत्ताओ, से तं तुडिए । पभू णं भंते! चंदे जोइसिंदे जोइसराया चंदवडिसए विभाणे सभाए सुहम्माए चंदंसि सीहासणंसि तुडिएण सद्धिं दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरित्तए, णो इणट्रे समटे, से केणटेणं भंते! एवं बुच्चइ नो पभू चंदे जोइसराया चंदवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए चंदसि सीहासहंसि तुडिएणं सद्धि दिव्वाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरित्तए ? गोयमा! चंदस्स जोइसिंदस्स जोइसरण्णो चंदवडिसए सभाए सुहम्माए लाणवगंसि चेइय खंभंसि वइरामएसु गोलवट्टसमुग्गएसु बहुयाओ जिणसरूवा सव्व महडिया चंदा' इस तरह सब से अल्पऋद्धि वाले तारारूप है और सब से महाऋद्धि वाले चन्द्र हैं ॥सू. १९०॥ सव्वमहिढिया चंदा' मा प्रभारी सौथी थोडी ऋद्धिा ता॥ ३५ छे. मन સૌથી મહઋદ્ધિવાળા ચંદ્ર દેવ છે. સૂ. ૧૧૦ છે