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________________ जीवामिगमस्त्र मसारगल्लकाण्डं पश्चमम् ५, 'हंसगम्भे सगर्भ काण्डं पप्ठम् ६ । 'पुलए' पुलक काण्डम्, सप्तमम् ७ 'सोगंधिए' सौगन्धिक काण्डमष्टमम् ८ 'जोतिरसे' ज्योती___ रसकाण्डं नवमम् ९ 'अंजणे' अञ्जनकाण्ड दशमम १० "अंजणपुलए' बञ्जन पुलाक काण्डमे कादशम् ११ 'रयते' रजतकाण्डं द्वादशम् १२ 'जायरूथे' जातरूप काण्डं त्रयोदशम् १३ 'अंके' अङ्ककाण्डं चतुर्दशम् १४ 'फलिहे' स्फटिककाण्डं पञ्चदशम् १५ 'रिहे कंडे' रेिण्टरत्नकाण्डं पोडशम् १६ एतानि सर्वाणि स्वस्वना. मख्यातानि रत्नान्येब, तदेवत् पोडश प्रकार खरकाण्डं भवतीति । 'इमीसेणे इस काण्ड में लोहिताक्ष नाम के रत्नों की प्रधानता है 'मसारगल्छे' मसारल्ल काण्ड-इस काण्ड में बलार गल्लरत्नों की प्रधानता। 'हंसगठभे हंसरामकाण्ड-यह हलगर्भ रत्न की प्रधानता वाला उठवा काण्ड है 'पुलए' पुलमजण्ड यह लातयां काण्ड है 'सोगं. थिए' सौगन्धाकाण्ठ-यह आठवां काण्ड है 'जोतिरसे' ज्योतिरस. फाण्ड-यह नौषां काण्ड है अंजणे' अञ्जन काण्ड, यह दशवां काण्ड है 'अंजण पुलाए' अंजनपुलाककाण्ड यह ग्यारहवां काण्ड है 'रयए' रजतकाण्ड-यह बारहवां काण्ड है 'जायस्वे' जातरूप काण्ड यह तेरहवां काण्ड है 'अके' अङ्कमाण्ड-यह चौदहवां काण्ड है 'फलिहे' स्फटिककाण्ड-यह पन्द्रहवां काण्ड है और 'रिटे कंडे' रिष्टकाण्ड यह सोलहवां काण्ड है ये सब अपने नाम से प्रसिद्ध रत्न है । इस प्रकार क्खकडे' साहित'क्ष is A i हितार नामाना २त्नानु प्रधानपा रहेछ 'मसारगल्छे' भसा२REAxis-म! 13 Hi ससा रत्नानु प्रधान पाशु रहेछ. 'हसगन्भे' सगम - Biswi सन २त्तानु अधि પણું રહેલું છે. આ હંસગર્ભની પ્રધાનતા વાળા ઠા કાંડનું નામ છે. 'पुलए' gets is सातsis छे. 'सोगंधिए' मा सीमाधि ४ नामना मामी xis छे. 'जोतिरसे' नवभi sisनु नाम यातिरस ४is से प्रभा छे. 'अंजणे' A13 मा ४शमा xis छे. 'अंजण पुलर' मायामi sis नाम 'A ya' छे. 'रयए' मारमा xisiनाम '२०४४is, मे प्रभार तु छ. 'जायसवे' तेरमा उनुनाम त३५ मे प्रभाये छ. 'अंके' योहमा gisi नाम से प्रभानु छे 'फलिहे' ५४२मा उनु नाम. २३टिxis से प्रभारी छे. 'रिट्रे कंडे' सौभानु नाम २ि८is' से प्रभायेनु छे. આ સઘળા કાંઠે પિત પિત ના નામથી પ્રસિદ્ધ રને છે. આ રીતે આ ખર is से प्रारन छे..
SR No.009336
Book TitleJivajivabhigamsutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1973
Total Pages924
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size62 MB
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