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teaणी-टीका ५२ भगप्रदर्शनार्थ कूणिकस्य गमनम्
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वाल-वीयणीए सव्विड्ढीए सब्वज्जुईए सव्ववलेणं सव्वसमुदणं सव्वादरेणं सव्वविभूईए सव्वविभूसाए सव्वसंभमेण सव्त्र - पुप्फ-गंध-महा-लंकारेणं सव्व-तुडिय - सद-सण्णिणायस्मै म तथा । 4 पवीडय - बाल - वीणीए ' ' ग्रवीजित वालव्यजनिक - प्रवीजिताप्रचारिता वात्र्यजनिका यस्मै म तथा, 'सब्बिड्डीए' सर्वट्र्र्या= सर्वया उदया | 'सब्वज्जुईए' सर्वथुया= सवाभरणाना प्रभया, 'सव्वाण' सर्नबलेन = सर्वमैन्येन, 'सन्यसमुद्रण' सर्वसमुदयेन सर्वपरिवारादिसमुदायेन, ' सव्वादरेण ' सर्वादरेण सर्वप्रयत्नेन, 'सव्वविभूईए' सर्वविभूया = सर्ववैभवेन, 'सव्व विभूसाए ' सर्वविभूपया = सर्वविपनेपथ्याद्विधारणेन, 'सव्वसंभमेण ' सर्वसम्भ्रमेण = सर्वेण सौमुक्येन=स्नेह्मयेन चाञ्चन्येनयर्थ, 'सव्त्र- पुप्फ-गंर-मल्ला-लकारेण ' सर्व-पुष्प - गन्'–माच्या-ऽलङ्कारेण, 'सव्त्र - तुडिय -सह- सप्णिणाएण' सर्व त्रुटित - शन्द-मनिनादेन – सर्वनिधाना त्रुटित|ना = वायाना यो शन्द तम्य मनिनादेन = प्रतिध्वनिना । ' महया ऐसे वे वृणिक राजा (सब्विड्ढीए) अपनी समस्त राज्य ऋद्रिसे (सब्वज्जुईए) समस्त वस्त्र और आभरणों की प्रभासे (सच्चवलेण) अपनी समस्त सेनाओं से (सच्त्रसमुद्रएण) अपने समस्त परिजनों से, (सव्वादरेण) आढग्मकाररूप सभी प्रजनों से (सव्वविभूईए) अपने समस्त ऐश्वर्य से (सव्त्र विभूसाए) सभी प्रकार के वस्त्राभरणों की शोभा से, (सव्वमंभ मेणं) भक्तिजनित अधिक उमुकता से (सन्य- पुप्फ-गध-मल्ला-लकारेण) सन तरह के पुष्पों से, सब तरह के गन्ध द्रव्यों से, सब तरह की मालाओं से, एव सब तरह के अल्कारों से (सव्चतुडिय - सह -सण्णिणाएण) सभी प्रकार के वाढित्रों की मधुर ध्वनि से, तथा - (महया
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पीए) लेना उपर વાળન્યજન અર્થાત્ ચમર ઢોળાઈ રહ્યા હતા, એવા તે ईडि गन्न (सच्चिइडीए) पोतानी समस्त राज्य ऋद्धिथी, (मध्वज्जुईए) सुभभ्त वस्त्र तथा मालशोना अलाव वडे, (सव्ववलेण) पोतानी मभन्त सेनाओ वडे, ( सव्वसमुदएण ) पोताना अम्ल पग्लिन वडे, (मव्यावरेण ) आह भाग ३५ भधा प्रयत्नो वडे (सव्यनिभूईए) पोताना मभन्त मैश्वर्य वडे, (सव्वभुिसाए) भाभ अजरना वस्त्रालोनी शोला वडे, (सव्य सभमेण) ભક્તિનિત अत्यंत उत्सुक्ता वडे, (सव्य-पुष्क-गंध-मल्ला टंकारेण) भव પ્રકારના પુષ્પા વડે, સર્વ પ્રકારના ગધદ્રવ્યેશ વડે, મ પ્રકારની માળાએ વડે તેમજ સર્વ પ્રકારના व े मच्त्र तुटिय-मद्द-मण्णिणापण) सर्व अारना पानि त्राना भधुर ध्वनि वडे, तथा (महया इट्ठीए ) पोतानी विशिष्ट