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अनगारधर्मामृतापिणी टीकाH०११ जीवानामाराधकपिराधकत्वनिरूपणम् ६६९ पुफिया फलिया हरियगरेरिजमाणा सिरीए अतीवर उवसो. भेमाणा चिटुंति, जयाणं दीविच्चगा ईसिं पुरेवाया पच्छावाया मदावाया महावाया वायति तयाण वहवे दावद्दवारुम्खा पत्तियों जाव चिट्ठति अप्पेगइया दावदवा रुक्खा जुन्ना झोडा परिसडियपंडुपत्तपुप्फफला सुक्करुक्खओ विव मिलायमाणा चिंति, एवामेव समणोउसो। जो अम्ह निगंथो वा निग्गंधी वा जाव पव्वइये समाणे वहण समणाणं ४ सम्म संहति जावे अहियासे वहूण अण्णउत्थियाणं वहूर्ण गिहाणं नो सम्म सहइ नो खमइ नो तितिक्खइ नो अहियासेइ एस णं मए पुरिसे देसविराहए पण्णत्ते । समणाउसो । जया णं सामुद्दगाईसि पुरवाया पच्छावाया मंदावाया महाबाता वायति तदा वहवे दावदवा स्वखा जुण्णा झोडा जाव मिलायमाणार चिट्ठति, अप्पेगइया दावद्दवा रुक्खा पत्तिया पुफिया जाव उवसोभे. माणार चिति, एवामेव समणाउसो। जो अम्हे निग्गंथो वा निग्गंथी वा पवइए समाणे वहणं अण्णउत्थियाण वहूर्ण गिहत्थाणं सम्म सहड बहूर्ण समणाण ४ नो सम्म सहइ एसणं मए पुरिसे देसाराहए पन्नत्ते । समणाउसो । जयाणं नो दीविच्चगा णो सामुद्दगा ईसि पुरेवाया पच्छावाया जाव महा. वाया वायति तयाणं सब्वे दावद्दवा स्वखा जुण्णा झोडा जाव मिलायमाणा चिट्ठति, अप्पेगइया जाव उवसोभेमाणारचिट्ठति, एवामेव समणाउसो । जाव पवइए समाणे वहूर्ण सेमणाणं व अन्नउत्थियगिहत्थाण नो सम्म सहइ एसणं भए