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________________ 1 -प्रमैखन्द्रिका टीका श०२० उ०५ सु०४ षट्प्रदेशिकस्कन्धे वर्णादिनिरूपणम् ६९५ नीलगाय लोहियगा य हालिद्दर य७' स्यात् कालश्च नीलाश्च लोहिताश्च - हारिद्रश्चेति सप्तमः ७, 'सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिए य८' स्यात् कालाश्च नीलइंच लोहितश्च हारिद्रश्चेत्यष्टम ८, 'सिय कालगा य नीलए य लोहियए य हालिगा य९' स्यात् कालाच नीलच लोहितश्च दारिद्रार्थेति नवमः ९, सिय कालगाय नीलए य लोहियगा य हालिदए य१०' स्यात् कालाच में पीतवर्ण वाला हो सकता है ६, अथवा - 'सिप कालए य नीलगा य लोहिया य हालिए य ७' वह अपने एक प्रदेश में कृष्णवर्ण वाला दो प्रदेशों में नीलेवर्ण वाला दो प्रदेशों में लोहितवर्ण वाला और एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला हो सकता है ७, 'सिय कालगा य नीलए य लोहियए हालिए य ८' अथवा वह अपने तीन प्रदेशों में कृष्णवर्ण वाला एक प्रदेश में नीलेवर्ण वाला एक प्रदेश में लोहितवर्ण वाला और एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला हो सकता है ८, अथवा - 'सिघ फालगा थ नीलए य लोहियए य हालिगा य ९' वह अपने अनेक प्रदेशों में दो प्रदेशों में कृष्णवर्ण वाला एक प्रदेश में नीलेवर्ण वाला एक प्रदेश में लोहितवर्ण वाला और दो प्रदेशों में पीतवर्ण वाला हो सकता है ९, अथवा - सिय कालगा य नीलए य लोहियगा य हालिद्दर य १०' वह अपने अनेक - दो प्रदेशों में कृष्णवर्ण वाला एक प्रदेश में नीलेवर्ण वाला दों प्रदेशों में लोहितवर्ण वाला और एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला हो ये अशोभां चीजाववाणी होय छे मा छट्टो लग छे ६ 'सिय कालए य नीलगाय लोहियगा य हालि६० य ७' ते पोताना मे प्रदेशमां भजावार्थ વાળો હાય છે. એ પ્રદેશામાં નીલવણુ વાળો હાય છે. એ પ્રદેશમાં લાલવણુવાળો હાય છે, અને એક પ્રદેશમાં પીળાવ વાળો હાય છે. એ રીતે આ સાતમા લગ છે. " सिय कालगा य. नीलए य लोहियए "य हालिएय ८' અથવા તે પેાતાના ત્રણુ પ્રદેશમાં કાળાવણુ વાળો હાય છે. એક પ્રદેશમાં નીલવધુ વાળો હોય છે. તથા એક પ્રદેશમાં લાલ વણુ વાળો હાય છે, તથા એક પ્રદેશમાં પીળા વશુવાળા ઢાય છે. એ રીતે આ આઠમા ભંગ થાય છે ૮ 'मिव कालगाय नीलए य लोहियए य हालिहगा य ९ ते पोताना भने अहेશામાં-એ પ્રદેશોમાં કાળાવણુ વાળો ડેાય છે. એક પ્રદેશમાં નીલવણુ વાળો હાય છે. એક પ્રદેશમાં લાલવણુ વાળો હોય છે. અને એ પ્રદેશામાં પીળાવણુ વાળા હોય છે. मे रीते मानवभे। लौंग थाय छे' अथवा 'सिय कालगा य नीलए य लोहिया य हालिहर य १०' ते पोताना अने प्रदेशामां मे प्रदेशाभां अजावायु वाणी होय छे. એક પ્રદેશમાં નીલવણુ વાળો છે. એ પ્રદેશામાં લાલવણુ વાળો હોય છે. અને એક
SR No.009323
Book TitleBhagwati Sutra Part 13
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages984
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size63 MB
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