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भगवती सूत्रे
. लोहियए य हालिए य सुक्किल्लए य१. सिय नीलए य लोहियए य हालिदए य सुकिलगाय २, सिय नीलए य लोहियए य हालिगा य सुकिल्लए य ३, सिय नीलए य लोहिया य हालिदए य सुकिल्लए य४, सिय नीलगाय लोहियए य जो इस प्रकार से हैं - 'सिय नीलए य लोहियए व हालिए य सुक्कि ल्लए य' यह प्रथम भंग हैं इस भंग के अनुसार वह किसी एक प्रदेश में कदाचित नीवर्ण वाला हो सकता है किसी एक प्रदेश में लोहित वर्ण वाला हो सकता है किसी एक प्रदेश में पीतवर्ण वाला हो सकता है और किसी एकप्रदेश में शुक्लवर्ण वाला हो सकता है १ 'सिय 'नीलए य लोहियए व हालिए य सुक्किलगा य २' यह द्वितीय भंग है इसके अनुसार वह एकप्रदेश में नीलवर्ण वाला हो सकता है एकप्रदेश में लोहितवर्ण वाला हो सकता है एकप्रदेश में पीतवर्ण वाला हो सकता है और अनेक प्रदेशों में शुक्ल वर्ण वाला हो सकता है २ 'सिय नीलए व लोहियए व हालिएगा य सुकिल्लए य३' यह तृतीय भंग है इसके अनुसार वह कदाचित् नीलवर्ण वाला हो सकता है कोई एक प्रदेश में लोहितवर्ण वाला हो सकता है अनेक प्रदेशों में पीतवर्ण वाला हो सकता है और एक प्रदेश में शुक्लवर्ण वाला हो सकता है ३ 'सिय नीलए थ लोहिया य हालिद्दर व सुकिल्लए य ४' यह चतुर्थ भंग है इसके अनुसार वह एकप्रदेश में नीलवर्ण वाला हो सकता है अनेक प्रदेशों में लालवर्ण वाला हो सकता है एक प्रदेश में पीतवर्ण
चिय नीलए य लोहियए य हालिद्दर य सुक्ल्लिए य १' अवार તે પેાતાના કોઈએક પ્રદેશમાં નીલવણુ વાળા હાય છે, કાઇ એક પ્રદેશમાં લાલવણું વાળા હોય છે કાઈ એક પ્રદેશમાં પીળા વર્ણવાળા હાય છે. અને કઈ એક પ્રદેશમાં સફેદવણુ વાળા હાય છે. એ રીતે આ પહેલા लौंग छे. १ 'सिय नीलए य लोहियए य हालिए य सुक्किल्टगा य २' अध વાર તે પેાતાના એક પ્રદેશમાં નીલવણુ વાળો હેાય છે. કાઈ એક પ્રદેશમાં લાલવણુ વાળો હોય છે. કાઈ એક પ્રદેશમાં પીળાવણુ વાળો હાય છે. તથા અનેક પ્રદેશમાં સફેદવ વાળો હોય છે. આ जीले लौंग छे. २ 'सिय नीलए य लोहियए य हालिएगा य सुक्किल्लए य३' अर्धवार ते पोताना मे अहे. શમાં નીલવળુ વાળો હાય છે. કોઇ એક પ્રદેશમાં લાલવણુંવાળો હાય છે. અનેક પ્રદેશામાં પીળાવણુ વાળો હેાય છે. તથા એક પ્રદેશમાં સફેદવણુ વાળો होय छे. मे रीते या त्रीले लौंग थाय छे. 3 ' 'सिय नीलए य लोहिया य हालिए सुकिल्लए यू ४' ई वार मे अहेशभां नीसवाणु वाणी हाथ छे. અનેક પ્રદેશામાં લાલવણુ વાળો હાય છે. એક પ્રદેશમાં પીળાવણ જાળો હાય