________________
प्रमेयचन्द्रिका टीका २०६९ उ०८ सु०१ जीवनिवृत्तिनिरूपणम् ४३१ तेषामेकमेव इन्द्रिय भत्तीत्यत एफैव इन्द्रियनित्तिः कथितेति भावः, एवं जस्स जइ इंदियाणि' एवं यस्य यानि इन्द्रियाणि तस्य तान्येव ज्ञातव्यानि, 'जाव वेमाणियाण' यावद्वैमानिकानाम्-वैमानिकपर्यन्तानाम् , अन्न यावत्पदेन अप्तेजोवायुवनस्पतिद्वन्द्रियादि सर्वजीवानां ज्योतिप्कपर्यन्तानां ग्रहणं भवति किन्तु यस्य यावन्ति इन्द्रियाणि तस्य तावन्ति ग्राह्याणीति विवेकः कर्तव्यः ।४। 'काबिहा गं भंते' कतिविधा खलु भदन्त ! भासानिदत्ती पन्नत्ता' भाषानिचिः प्रज्ञप्ता ? भगानाह-गोयमा' इत्यादि, 'गोयमा' हे गौतम ! 'चउविहा भासानिध्दत्ती पत्ता' चतुर्विधामापानिवृत्तिः प्रज्ञता 'तं जहा' तद्यथा 'सच्चा भासा निव्वती' सत्यामापानिवृत्तिः, 'मोसाभासा निव्दत्ती' मृषाभापानितिक 'सच्चामोसा भासानिध्वत्ती' सत्यामृपाभापानिवृत्तिः 'असचामोसामासास्पर्शनेन्द्रिय निवृत्ति ही होती है ऐला जिनेन्द्र देवने कहा है एवं जलजइ०' इस प्रकार से जिन जीवों के जितनी इन्द्रियां होती हैं उन जीवों के उतनी इन्द्रियनित्ति कहनी चाहिये 'जाच वेवाणियाण' इस प्रकार का कथन यावत् वैमानिकों तक जानना चाहिये यहां यावत्पद से अप् तेज वायु बनस्पति एवं वीन्द्रियादि ज्योतिष्क पर्यन्त के जीवों का ग्रहण हुभा है परन्तु जिस जीव को जितनी इन्द्रियां हो उतनी उन जीवों की ग्रहण करनी चाहिये । 'काविहाणं माते ! भाशानिवत्ती पण्णत्ता' हे भदन्त ! भाषानिवृत्ति कितने प्रकार की कही गई है ? उत्तर में प्रभु कहते हैं-'गोयमा! चडचिहा भासानिध्यत्ती पण्णत्ता' हे गौतम ! भाषानिति चार प्रकार की कही गई है 'तं जहां-जैसे--- 'सच्चाभासा निव्वत्ती मोसा भासा निव्वती' सत्या भाषानिवृत्ति
જીવોને એક સ્પર્શેન્દ્રિય નિવૃત્તિ હોય છે, એવું જીનેન્દ્ર દેવે કહ્યું છે. 'एवं जस्म जहशत २ देवानन्द्र यो डाय छे. त्याने ती द्रिय निवृत्ति की न. 'जाव वेमाणियाणं०' मा प्रभाणेर्नु કથન અષ્કાયિક, તેજસ્કાયિક વાયુકાયિક, વનસ્પતિકાયિક અને કીન્દ્રિય વિગેરે જતિષ્ક પર્યન્તના જીવોના સંબંધમાં ગ્રહણ કરેલ છે પરંતુ જે જીવને જેટલી दिया हाय तवा मीन्द्रिय अY ४२वी से 'कइविहाणं भंते ! भासानिवत्ती पण्णत्ता सावन भाषा निवृत्ति २नी वामा सावी छ १ तेना उत्तरमा प्रभु छ है-'गोयमा! चन्विहा भासा निव्वत्ती पण्णता' है गौतम मापानिवृत्तियार प्रहारनी अवाम मावी छे. 'तजहा' २ मा प्रभा , 'सच्चाभासानिव्वत्ती मोसाभासानिव्वत्ती' सत्या भाषा