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________________ २४-२१०. . २११-२१५ १९ गमन को आश्रित फरके परतीर्थिकों के मत का निरूपण १५१-१७४ २० छमस्थ जनों के द्विपदेशादि स्कंध के ज्ञान का निरूपण १७९-१९३ नवा उद्देशा २१ भव्यद्रव्य नारक आदि का निरूपण दशा उद्देशा २२ भन्यद्रव्य देवरूप अनगार का निरूपण .. २३ अवगाहना का स्पर्शनालक्षण पर्यायान्तर से . । परमाणु आदि का.कथन -२१६-२२१ २४ पुगलों के वर्णादिवत्व का निरूपण . ..२२१-२२५ २५ द्रव्यधर्म विशेष का और आत्मद्रव्य का निरूपण . २२५-२५८ २६ वस्तुतत्व का निरूपण २५८-२७५ उनीसवें शतक का पहला उद्देशा .. २७: उद्देशार्थ संग्राहक गाथा का कथन । २७६-२७८ २८ लेश्या के स्वरूप का निरूपण २७८-२८४ दसरा उद्देशा २९ लेश्यावालों का निरूपण . . .:२८५-२८९ .. तीसरा उद्देशा ३० लेश्यावान् पृथ्वीकायिक आदि जीवों का निरूपण २९०-३२३ ३१ जघन्य उत्कृष्ट अवगाहना के अल्पबहुत्व का निरूपण ३२३-३४० ३२ पृथ्वीकायिकों के सूक्ष्मत्व का निरूपण - ३४०-३५२ ३३ पृथ्वीकायिकों के अवगाहना प्रमाण का निरूपण ..." ३५३-३९६, , चौथा उद्देशा ३४ नारकादिकों के महावेदनावत्व का निरूपण , ३६७-६८२० पांचवां उद्देशा ३५ नारकादिकों के चरम-परमपने का निरूपण ... ३८४-३९३ ३६. वेदना के स्वरूप का निरूपण
SR No.009323
Book TitleBhagwati Sutra Part 13
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages984
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size63 MB
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