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भगवतीने
हना द्वयोरपि तुल्या असंख्येया १०-११ । निगोदस्य पर्याप्तकस्य जघन्यावगाहना असंख्येयगुगा १२ । तस्यैव अपतकस्य उत्कृष्टाऽवगाहना विशेपाधिका १३ | तत्यैत्र पर्याप्तस्य उकारगानका १४ | सूक्ष्मवायुकायिकस्य पर्याप्तकस्य जघन्या अवगाहना असंख्येया १५ तस्यैव अपर्याप्तकस्य उत्कृष्टाऽस्नाहना विशेषाधिका १६ पर्याक
दोह वितुल्ला असंखेज्नगुणा) अपर्यात बादरपृथिवीकाधिक की जघन्य अवगाहना से प्रत्येक शरीरवाले अपति बाहर वनस्पतिकामिक की और बादर निगोद की जघन्य अवगाहना असंख्यात गुणी है और परस्पर में तुल्य है १०-११ (मुहमनिओवस्य पज्जनगस्य जन्निया ओगाणा अमं खेज्जगुगा) इससे असंख्यातगुणी जवन्य अवगाहना सूक्ष्म निगोदिया पर्यात की है (तस्सेच अपज्जत्तस्स उक्रोसिया ओगाहणा विलेमाहिया) इससे विशेपाधिक उत्कृष्ट अवगाहना अपर्याप्त सूक्ष्मनिगोदिया जीव की है १३ (तस्स चेव पज्जत्तगस्त उक्कोसिया ओगाहणा दिसे. साहिया) इससे पर्याप्त सूक्ष्म निगोदिया जीव की उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक है १४ (सुमनाङकाइयस्स पज्जतस्स वहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा १५ ) इससे पर्याप्त सूक्ष्म वायुकायिक जीव की जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है (ताम चेच अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया १६ । इसकी अपेक्षा अपर्याप्त सूक्ष्म वायु
वितुल्ला, असंखेज्जगुणा' अपर्याप्त नाहर पृथ्विायिनी धन्य अवगाहनाथी પ્રત્યેક શરીરવાળા અપર્યાપ્તક ખદર વનસ્પતિકાયિકની અને બાદર નિગેાદની જઘન્ય અવગાહના અસખ્યાત ગણી છે. અને પરસ્પરમાં તુલ્ય છે.૧૦-૧૧ 'सुहुमनिओयल्स पज्जतगरस जइन्निया ओवाहणा असंखेज्जगुणा' तेनाथी असध्यात गाणी ४धन्य अत्रगाडुना सूक्ष्म निगोहिया पर्याप्तनी है. १२ 'तर सेव अपज्जत्तस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया' तेनाथी विशेषाधि४ Gष्ट भवगाना अपर्याप्त सूक्ष्म निगेोहिया भवानी छे. १३ 'तरस चैव पज्जत्तree उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया' तेनाथी पर्याप्त सूक्ष्म निगेोहिया
रनी उत्सृष्ट अवशाना विशेषाधि४ छे.१४ 'सुदुमदा उकाइयस्स पज्जत्तगरस जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा' तेनाथी पर्याप्त सूक्ष्म वायुअयि छवनी
धन्य अवगाÈना असभ्यात गणि छे १५ " तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया' तेनाथी अपर्याप्त सूक्ष्म वायुमायिनी धन्य अवगाहना विशेषाधिः छे, १६ 'तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा