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भगवतीसूत्रे हे गौतम ! 'सव्वयोवा दीवकुमारा ते उलेस्सा' सर्वस्तोका द्वीपकुमाराः तेजोलेश सपेिक्षया तेजोलेश्यावन्तो द्वीपकुमारा अल्पा इत्यर्थः, तदपेक्षया 'काउ. लेस्सा असंखेज्जगुणा' कापोतिकळेश्या असंख्येयगुणाः, तेजोलेश्यापेक्षया कापोतिकलेश्यान्तो द्वीपकुमारा असंख्येयगुणा अधिका इत्यर्थः । 'नीललेस्सा विसेसाहिया' नीललेश्या विशेषाधिका कापोविकलेश्यावद् द्वीपकुमारापेक्षया नीरलेश्यावन्तो छीपकुमारा अधिका इत्यर्थः 'कण्इलेस्सा विसेसाहिया' कृष्ण
लेश्याः विशेषाधिकाः नीललेश्यायुक्तद्वीपकुमारापेक्षयापि कृष्णलेश्यावन्तो ... द्वीपकुमारा विशेषाधिका इति, तदयं निष्कपः सर्वतोऽधिकाः कृष्णलेश्यावन्तः,
ततोन्यूना नीललेश्यावन्त। तदपेक्षयाऽल्पाः फापोतिकलेश्यावन्तः, ततोऽपि अल्पाः तेनोलेश्यावन्तः इति परम्परया सर्वस्तोकत्वं तेजोलेश्यावतामिति, उक्तम् हैं ? इसके उत्तरमें प्रभु कहते हैं-'गोयमा ! 'सव्वत्यो वा दीवकुमारा तेउलेस्ला' सबकी अपेक्षा बहुत कम तेजोलेश्यावाले दीपकुमार है, इनकी अपेक्षा 'काउलेस्सा असंखेज्जगुणा 'कापोतिकलेश्यावाले दीपकुमार असंख्यातगुणित हैं। 'नीललेस्ला विसेसाहिया' नीललेश्यावाले दीप. कुमार कापोतिकलेश्यावाले दीपकुमारों की अपेक्षा विशेपाधिक हैं। 'कण्हलेस्सा चिसेताहिया' 'नीललेश्या युक्त द्वीपकुमारों की अपेक्षा भी कृष्णलेश्यावाले द्वीपकुमार विशेषाधिक हैं । निष्कर्ष इस का ऐसा हैसब से अधिक कृष्णलेश्यावाले द्वीपकुमार हैं इनसे कम नीललेश्याघाले द्वीपकुमार हैं। इनकी अपेक्षा अल्प कागेतिक लेश्यावाले दीपकुमार हैं। और इन ले भी अला तेजोलेश्यावाले दीपकुमार हैं। इस प्रकार परम्परा से सब से कम तेजोलेश्यावाले हैं। अतः 'सम्वत्यो था दीवकुमारा तेउलेस्सा ऐसा कहा है। ७.गौतम "सव्वत्थो वा दीवकुमारा तेउलेस्सा" यानी अपेक्षा दीपभार
माछी तनवेश्यावा छे. तेनाथी "काउलेस्सा असंखेज्जगुणा" अयात श्यामा ५४भार अभ्यात गए। छ. "नीउलेस्या विसेसाहिया" नीत सश्यावाणीमाशथी विशेषाधि छ. "कण्हस्सा विखेसाहिया' नाव લેશ્યાવાળા દ્વીપકુમારથી પણ કૃષ્ણ શ્યાવાળા દ્વીપકુમારે વિશેષાધિક છે. આને સાર એ છે કે બધાથી કૃષ્ણ લેશ્યાવાળા દ્વીપકુમાર અધિક છે. તેનાથી ઓછા નીલેશ્યાવાળા દ્વીપકુમાર છે. તેની અપેક્ષાથી કાપતિકલેશ્યાવાળા દીપકુમાર અલ્પ છે. અને તેનાથી પણ અલ્પ તેજલેશ્યાવાળા દ્વીપકુમાર છે. આ રીતે પરંપરાનુસાર બધાથી કમ તેજેશ્યાવાળા દ્વીપકુમાર છે. એટલા