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• प्रमेयचन्द्रिका टीका श०१६ उ०५ सू०३ गङ्गदत्तदेवस्यागमनादिनिरूपणम् १५३ परिकथयति, 'तावं च णं' तावत् च खलु 'से देवे तं देस हच्चमागए' स देव: तं देशं हव्यम् (शीघम्) आगतः, मायिमिथ्यादृष्टिदेवविषये यावद् भगवान् महावीरो गौतम कथयति तस्मिन्नेव काले स देवस्तत्र स्वयमेव झटिति तत्रैव समागत इतिभावः । 'तए णं से देवे' ततः खलु स देवः 'समणं भगवं महावीर श्रमणं भगवन्तं . महावीरम् 'तिक्खुतो वंदइ नमसइ' विकृत्व-त्रिवारम् वन्दते नमस्यति, 'वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी' वन्दित्वा नमस्यित्वा एवमवादी तत्राह-'एवं खलु' इत्यादि 'एवं खलु भंते' एवं खल भदन्त ! 'महासुक्के कप्पे' महाशुक्रे महाशुक्रनामके कल्पे ' महासमाणे विमाणे' महासमाननामविमाने 'एगे मायिमिच्छादिष्टिउचवन्नए देवे' एको मायि मिथ्यादृष्टयुपपन्नको देवः 'ममं एवं वयासी' माम् , एवम् , अवादीत् किम् , अवादीत् ? तबाह-'परिणममाणे' ति, 'परिणममाणा पोग्गला नो पणिया' परिणमन्तः पुद्गलाः, नो परिणताः परिवान् महावीर से जिस समय पूछा और उसके विषय में जब प्रभु उनसे उत्तर के रूप में कह रहे थे कि 'तावं च णं' इतने ही में 'से देवे तं देसंहन्धमागए' यह देव अपने आप उस स्थान पर उनके पास जल्दी से आकर उपस्थित हो गया-'तए णं से देवे' ओते ही उस देवने 'समणं भगवं महावीरें' श्रमण भगवान महावीर को 'तिक्खुप्तो वंदा, नमलई' तीन चार वन्दना की नमस्कार किया-'वदित्ता नमसित्ता एवं वयासी' वन्दना नमस्कार कर फिर उसने प्रभु से इस प्रकार कहा'एवं खलु भंते' हे भदन्त ! वात इस प्रकार से है-'महासुक्के कप्पे महाशुक्रकल्प में महासमाणे विमाणे' महासमान नामक विमान में 'एगे मायिमिच्छादिष्टि उघवन्नए देवे' एक मायी मिथ्यादृष्टि उपपन्नक देवने 'ममं एवं पयासी' मुझ से ऐसा कहा-'परिणममाणा पोग्गला
જ્યારે પહેલા આ પ્રમાણે પૂછયું અને એ વિષયમાં પ્રભુ જ્યારે તેમને ઉત્તર माथी २हा ता. ते 44 "तावं च ण" सामior "से देवे तं देसं हव्वमागये" ते व भाषामा त स्थान ५२ प्रभुनी पारी शीताथा भावाने उपस्थित थ गया ' तए णं से देवे" मावी तर ते हे “समण भगवं महावीरं " श्रभा सावान् भावा२ने “तिक्खुत्तो वंदइ नमसइ" पार
ना ४ नम२४१२ . " वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी" ना नमार शन पछी तरी प्रभुने । प्रभारी प्रधु' “ एवं खलु भंते " भगवन! सवी वात " महासक्के कप्पे " माशु ४८५मा " महासमाणे विमाणे" भासमान नामना विमानमा “एगे माइमिच्छादिदि उजवण्णए देवे" । भाथी मिथ्याटि ५५न्न हेवे " मम एवं क्यासी" भने २मा प्रभार धु
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