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प्रमेयचन्द्रिका टीका श० १२ उ० १० सू० ३ रत्नप्रभादिविशेषनिरूपणम् ४३३ अवक्तव्यम् - आत्मा सद्रूप इति च नोआत्मा असद्रूप इति च युगपद्व्यपदेष्टुमशक्यम् १९ इति । अस्य चतुष्पदेशिकस्यैकोनविंशतिर्भङ्गाः १९ भवन्ति, तत्र - एकसंयोगिनः १, द्विक्संयोगिनो द्वादश१२, त्रिकसंयोगिन चत्वारः ४ इत्येकोनविंशतिरिति । गौतमस्तत्रकारणं पृच्छति - 'से केणडेणं भंते ! एवं बुच्चर - चउष्पएसिए खंधे सिय आया य नो आया य अवत्तव्यं तं चैव अट्ठे पडिउच्चारेयव्वं ?! हे भदन्त ! तत्-अथ केनार्थेन एवमुच्यते - चतुष्पदेशिकः स्कन्धः स्यात् आत्मा च नोआत्मा च अवक्तव्यम् - स एवार्थ:- पूर्वोक्तार्थः प्रत्युच्चारयितव्यः पूर्वोक्तार्थस्य सर्वस्य पुनरुच्चारणमत्र कर्तव्यम् ? | भगवानाह - 'गोयमा ! अप्पणी आइडे आया?, एक असद्रूप है और सद्रूप एवं अलद्रूप से एक वह युगपत् अवक्त व्य है १९, इस प्रकार से ये चतुष्प्रदेशिक स्कंध के १९ भंग है । इनमें एकसयोगी तीन ३ भंग हैं द्विकसंयोगी १२ हैं एवं त्रिसंयोगी ? भंग 8 हैं । अर्थात् - पहेले के असंयोगी तीन भंग सकला देशी ( सम्पूर्ण स्कंध की अपेक्षा) बनते हैं ३ | आगे के बारह भंग विकसयोगी बनते हैं १५ उसके आगे के चार भंग त्रिक संयोगी बनते हैं.१९ । यद्यपि त्रिकसंयोगी आठ भंग बनते हैं किंतु वे छह प्रदेशी स्कंध से पहले नहीं बन सकते हैं क्योंकि आत्मा, आम और अवक्तव्य इन तीनों में बहुवचन ( एक से अधिक) कम से कम छह प्रदेशों के विना नहीं बन सकता है। यहां चतुःप्रदेशी स्कंध में तो त्रिक संयोगी भंगों में किसी एक तरफ बहुवचन आ सकता है। अतः इसमें त्रिक संयोगी चार ही भंग बनते हूँ। इस प्रकार चतुःप्रदेशी स्कंध में कुल उन्नीस १९ अंग बनते हैं। अब गौतम प्रभु से ऐसा पूछते हैं-' से केणणं भते । एवं बुच्चइ, चउप्पए सिए संधे सिय आधा य, नो आया य, अवन्त्तव्वं तंचेच अड्डे पड उच्चारयच्वं' हे भदन्त ! अपने जो चतुष्यदेशिकं स्कंध में १९ भंग कहे है सो क्या कारण है ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं- 'गोयमा' हे गौतम
અસરૂપ શબ્દો વડે એક સાથે વાચ્ય નહી થવાને કારણે અવકતવ્ય રૂપ છે આ પ્રકારે તે ચારપ્રદેશિક સ્કંધના ૧૯ લાંગા થાય છે. તેમાં ૩ એકસચેાગી લગાઓ, ૧૨ દ્વિકસ‘ચેાગી લાંગાએ અને ૪ વિકસ'ચાગી લાંગાએ થાય છે.
गौतम स्वाभीना अश्न- “ से केणçणं भंते ! एवं दुच्चर, चप्पएसिए खंबे सिय आया य, नो आया य, अवतव्वं तचैव अट्ठे पडिउच्चारेयव्वं " ભગવન્ ! આપે શા કારણે ચતુષ્પદેશિક સ્ક ́ધના સપ, સર્પ, અવ તન્ય માદિ ૧૯ ભાંગા કહ્યા છે ?
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