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ग्यारहवां उद्देशा ग्यारहवें उद्देशेका विषाविवरण
४४८-४४९ कालद्रव्यके स्वरूपका निरूपण
४५०-४५९ प्रमाणकालका निरूपण
४५९-४७३ यथायुनिवृत्तिकाल आदिका निरूपण
४७३-४७९ सुदर्शन चरित्रका निरूपण
४७९-६१५ बारहवां उद्देशा देवोंकी कालस्थितिका निरूपण
६१६६२२ ऋषिभद्रपुत्रके कयनकी सत्यताका प्रतिपादन ६२२-६३० ऋपिभद्रपुत्रकी सिद्धिका निरूपण
६३०-६३६ पुद्गलापरिव्राजककी मिद्धिका निरूपण
६३६-६५१ वारहवें शतक के पहले उद्देशेका मारम्भ वारहवें शतकके पहले उद्देशेका विषयविवरण ६५२-६५३ वारहवे शतकके अर्थको संग्रह करनेवाली गाथा ६५३-६५४ शकश्रावकके चरित्रका वर्णन
६५५-७०३ दूसरे उद्देशेका प्रारम्भ दूसरे उद्देशेके विषयोका संक्षिप्त विषयवर्णन
७०४उदायन राजाके चरित्रका वर्णन
७०५-७१८ जयंति श्रमणोपासिका और महावीरस्वामी के प्रश्नोत्तर ७१८-७१२
तोसरा उद्देशा रत्नप्रभा आदि पृथ्वीयोका निरूपण
७४३-७४६
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॥ समाप्त ॥