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अनुक्रमाङ्क
पहला उद्देशा
१ दशवें शतक के उद्देशाओं को संग्रह करनेवाली गाथा दिशाओंके स्वरूपका निरूपण
३ औदारिक आदि शरीरोंका निरूपण
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ܘܐ
११
१२
१३
१४
१५
१६
श्री
भगवनीसूत्र भा. नव वें की विषयानुक्रमणिकां
विषय
१७
१८
दूसरा उद्देशा
क्रियाविशेषका निरूपण योनि के स्वरूपका निरूपण वेदना के स्वरूपका निरूपण प्रतिमाके स्वरूपका निरूपण आराधना के स्वरूपका निरूपण
तीसरा उद्देशा
तीसरे उद्देशेका विषयविवरण देव स्वरूपका निरूपण
विस्मयकारकत्व वस्त्वन्तरका निरूपण भाषाविशेषका निरूपण
चौथा उद्देशा
चौथे उद्देशेका विषयविवरण चमरेन्द्रके त्रयत्रिंशकदेवोंका निरूपण
पांचवां उद्देशा
पांचवे उद्देशेका विषयविवरण चमरेन्द्रादिकोंकी अग्रमहिपीका निरूपण
छट्ठा उद्देशा
देवास्थानविशेषका निरूपण
सातवां उद्देशा अट्ठाईस प्रकार के अंतरद्वीपोंका निरूपण
पृष्ठाङ्क
१ - २
३-३१
३१-३५
३६-४५
४५-५२
५२-५८
५८-६१
६१-६७
६७-६९
६९-८७
८८-८९
८९-९८
९९
९९-१३४
१३५-१३६
१३७-१९८
१९९-२०५
२०६-२०९