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भगवतीसूत्रे एगे पंकप्पभाए, एगे धूसप्पभाए, एगे तमाए होज्जा ३२, अवा एगे पंकप्पभाए, एगे धूमप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा ३३, अहवा एगे पंकप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा ३४, अहवा एगे धूमप्पभाए, एगे तमाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा ३५। चत्तारि भंते ! नेरइया नेरइय पवेसण एणं पविसमाणा किं रयणप्पभाए होज्जा ? पुच्छा, गंगेया ? रयणप्पभाए वा होज्जा, जाव अहे सत्तमाए वा हाजा, अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्नि सस्करप्पभाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए, तिन्नि वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए तिन्नि अहे सत्तमाए होज्जा ६ अहवा दोरयणप्पभाएं, दोलक्करप्रभाए होज्जा एवं जाव अहवा दोरयणप्पभाए, दो अहे सत्तमाए होजा१२, अहवा तिन्नि रयणप्पभाए, एगे सक्करप्पभाए होज्जा ? एवं जाव अहवा तिन्नि रयणप्पभाए, एगे अहे सत्तमाए होज्जा१८, अंहवा एगे सक्करप्पभाएं तिन्नि वालुयप्पभाए होज्जा, एवं जहेव रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं चरियं तहा सक्करप्पभाए वि उवरिमांहिं संसं चरियवं५, एवं एक्केक्काए समं चारियव्वं जाव, अहवा, तिन्नि तमाए एगे अहे सत्तमाए होज्जा ?, २२-६-३-६३, अहवा रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए, दो वालुयप्पभाए होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए, सक्करप्पभाए, दो पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव एगे