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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०९ उ०३३ सू०४ जमालीवक्तव्यता
३९९ उववाइए जाव एवं पन्नवेइ, एवं परूवेइ, एवं खलु देवाणुप्पिया ? समणे भगवं महावीरे आइगरे जान सन्न्नू सव्वद. रिसी माहणकुंडग्गामस्ल नयरस्त बहिया वहुसालए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ, तं सहप्फलं खल्ल देवाणुपिया ! तहारूवाणं अरिहंताणं भगवंताणं जहा उबवाइए जाव एगाभिमुहो खत्तियकुंडग्गामं नगरं मझमझेणं निग्गच्छति निग च्छित्ता जेणेव माहणकुंडग्गामे नयरे, जेणेव वहुमालए चेइए, एवंजहा उक्वाइए जाब तिविहाए पज्जुवासणाए पज्जुवासंति, तएणं तस्स जमालिस्त खत्तियकुमारस्ल तं महया जणसद्देइवा, जाव जणसन्निवायं वा, सुणमाणस्स वा, पासमाणस्स वा, अयमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पजित्था किं णं अज्ज खत्तियकुंडग्गामे नयरे इंदमहेइ वा, खंदमहेइ वा, मुगुंदमहेइ वा, णागमहेइ वा, जक्खमहेइ वा, भूयमहेइ वा, कूवमहेइ वा, तडागमहेइ वा, नईमहेइ वा, दहमहेइ वा, पब्बयमहेहि वा, रुक्खमहेइ वा चेइयमहेइ वा, थूममहेइ वा, जण्णं एए वहवे उग्गा, भोग्गा, राइन्ना, इक्खागा, णाया, कोरव्वा, खत्तिया, खत्तियपुत्ता, भडा, भडपुत्ता, जहा उववाए जाव सत्थ वाहप्पभिइया पहाया, कयव. लिकम्मा, जहा उववाइए जाव निरगच्छति ? एवं संपेहेइ, एवं संपेहिता, कंचुइजपुरिसं सदावेइ, लद्दावेत्ता एवं वयासी-किर्णदेवाणुप्पिया ! अज्ज खत्तियकुंडग्गामे नयरे इंदसहेइ वा, जाव निग्गच्छंति ? तए णं से कंचुइज्जा पुरिसे जमालिणा खत्तिय