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भगवती सव्वे वि ताव एगिदिएनु होज्जा' हे गाङ्गेय ! सर्वेऽपि तावत् उत्कृष्टपदिनस्तियंग्योनिकाः एकेन्द्रियेषु भवन्ति एकेन्द्रियाणामतियहूनां प्रतिसमयमुत्पादाद । अहवा एगेंदियएसु वा वेइदिएसु वा होज्जा' अथवा केवन तिर्यग्योनिका एके. न्द्रियेषु वा भवन्ति, केचन द्वीन्द्रियेपु वा भवन्ति ' एवं जहा नेरइया चारियां तहा तिरिक्खजोणिया वि चारेथव्या ' एवं पूर्वोक्तरीत्या यथा यथा नैरयिकावारिताः संचारविषयीकृतास्तथा तिर्ययोनिका अपि चारयितव्याः संचारणीयाः 'एगिदियं अनुचंतेस दुया संजोगो, तिया संजोगो, चउकसंजोगो, पंचगसंजोगो य उबउज्जिऊण भागियन्यो' एकेन्द्रियम् अमुञ्चत्म सत्सु द्विकसंयोगः त्रिकसंयोगः, चतुष्कसंयोगः पञ्चकसंयोगच उपयुज्य-उपयोगविषयीकृत्य भणितव्यः । कियत्पर्यन्तमित्याह-जाव अहवा एगिदिएसु वा बेइंदिएन वा जाव पंचिदिएमु वा होज्जा' यावन् अथवा एकेन्द्रियेषु वा उत्पदिनस्तिर्यग्योनिका न्द्रियों में होते हैं, अथवा पंचन्द्रियों में होते हैं ? इस प्रश्न के उत्तर में प्रभु कहते हैं-(सव्वे वि ताव एगिदिएस्तु होजा) उत्कृष्ठपदी तिर्यग्योनिकजीव एकेन्द्रियों में होते हैं क्यों कि एकेन्द्रिय जीवों का प्रतिसमय बहुत अधिक संख्या में उत्पाद होता रहता है। (अहवा एजेंदिएसुवा वेइंदिएस्सु वा होज्जा) कितनेक उत्कृष्टपदी तिर्यश्च एकेन्द्रियों में होते हैं
और कितनेक दीन्द्रियों में होते हैं। (एवं जहा नेरइया चारिया-तहा तिरिक्खजोणिया वि चारेयन्दा) इस प्रकार से जैसा नैरपिकों का संचार किया गया है, उसी तरह से तिर्थग्योनिक जीवों का भी संचार करना चाहिये (एगिदियं अनुचोलु दुयासंजोगो, तियासंजोगो, चउच्च संजोगो, पंचगसंजोगो य उधउज्जिऊ भागियव्यो जाव आहवा एगिदिएस्सु वा बेइंदिएस्तु वा जाव पंचिदिएसु वा होज्जा) इस संचार में
महावीर प्रभुना उत्त२-" सव्वे वि ताव एगिदिपसु होजा" टपही બધાં જ એકેન્દ્રિયમાં ઉત્પન્ન થાય છે, કારણ કે એકેન્દ્રિય જીવોની ઉત્પત્તિ प्रति समय मधिर संज्यामां थती २ छ. “अहवा एगिदिएसु वा बेइदिएम वा होज्जा" मय टमाटही ति"या मेन्द्रियामा Gत्पन्न थाय छ मत मादीन्द्रियामा उत्पन्न थाय छे. “ एवं जहा नेरइया चारिया-तहा तिरिक्खजोणिया वि चारेयव्वा " मा भथी २।२हिना सयार ४२वामा मान्या छ, मेवातिय योनिन! ५ सया२ ४२ नये. "एगिदियं अमुंचतेसु दुयासज्ञोगो, तियासंजोगो, चउपसंजोगो, पचगसंजोगो य उवज्जिऊण भाणियव्यो जोव अहवा एगेदिएसु वा, वेईदिएसु वा, जाव पचिदिएसु वा होजा" मा सयामा मेन्द्रिय ५४ने छ। नये नही. मेटले मे.